Bangladesh: शेख हसीना आज भी बांग्लादेश की पीएम, देश छोड़ने से पहले नहीं दिया था इस्तीफा, बेटे का दावा
Sheikh Hasina News: साजिब वाजेद ने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री के औपचारिक रूप से इस्तीफा दिए बिना कार्यवाहक सरकार के गठन को `अदालत में चुनौती दी जा सकती है.`
Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने 5 अगस्त को भारत भागने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था. उनके बेटे और सलाहकार सजीब वाजेद ने यह दावा किया. उन्होंने रॉयटर्स को बताया, 'मेरी मां ने कभी आधिकारिक तौर पर इस्तीफा नहीं दिया. उन्हें समय ही नहीं मिला.'
वाजेद ने रॉयटर्स से कहा, 'उन्होंने (हसीना) एक बयान जारी कर अपना इस्तीफा सौंपने की योजना बनाई थी. लेकिन फिर प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास की ओर मार्च करना शुरू कर दिया। और समय भी नहीं था। मेरी मां के पास सामान भी नहीं था. जहां तक संविधान की बात है, तो वह अभी भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं.'
'कार्यवाहक सरकार के गठन को चुनौती दी जा सकती है'
वाजेद ने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति ने सैन्य प्रमुखों और विपक्षी राजनेताओं के साथ परामर्श के बाद संसद को भंग कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री के औपचारिक रूप से इस्तीफा दिए बिना कार्यवाहक सरकार के गठन को 'अदालत में चुनौती दी जा सकती है.'
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'आवामी लीग चुनावों में हिस्सा लेगी'
वाजेद ने यह भी कहा कि हसीना की अवामी लीग पार्टी अगला चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि अवामी लीग सत्ता में आएगी. अगर नहीं, तो हम विपक्ष होंगे. दोनों में कोई भी रास्ता ठीक है.' उनके मुताबिक चुनाव तीन महीने के अंदर हो जाने चाहिए.
हसीना के बेटे ने कहा कि उन्हें मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और हसीना की विरोधी खालिदा जिया के हाल के बयान से प्रोत्साहन मिला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हसीना के भाग जाने के बाद कोई बदला या प्रतिशोध नहीं होना चाहिए.
वाजेद ने कहा, 'मुझे खालिदा जिया का यह बयान सुनकर बहुत खुशी हुई कि जो बीत गया, उसे भूल जाना चाहिए. आइए अतीत को भूल जाएं. हमें प्रतिशोध की राजनीति नहीं करनी चाहिए. हमें साथ मिलकर काम करना होगा, चाहे वह एकता सरकार हो या न हो.'
हसीना ने 5 अगस्त से नई दिल्ली में शरण ली हुई है. उन्हें आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन की वजह से देश छोड़ना पड़ा. हिंसक विरोध प्रदर्शनों में लगभग 300 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश छात्र थे. इस विद्रोह के साथ ही 170 मिलियन की आबादी वाले देश में हसीना का 15 वर्षों का निर्बाध शासन समाप्त हो गया.
अंतरिम सरकार ने ली शपथ
इस बीच नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. यूनुस (84) को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई.
यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की गई. यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई गई जो प्रधानमंत्री के समकक्ष पद है.
Photo courtesy- Reuters