Sri Lanka: एक देश जो गले तक कर्ज में दबा था. उसका एक बंदरगाह कर्ज (Loan) न चुका पाने के एवज में लीज के नाम पर चीन ने एक तरह से गिरवी धरा लिया हो. उस सरकार के मंत्री, अफसर और चहेते बड़ी-बड़ी लक्जरी गाड़ियों में चलते थे. कहा जा रहा है कि चुनावों के बाद वक्त बदला तो हालात भी बदल गए और वहां पर कथित कम्युनिस्ट सरकार आ गई. जिसके बाद कई सालों से मलाई खा रहे लोग अपनी अपनी जान छुड़ाकर भाग रहे हैं. दरअसल  श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद से ही सैकड़ों महंगी सरकारी गाड़ियां राजधानी कोलंबो में इधर-उधर लावारिस हालत में खड़ी मिली हैं. नई सरकार में शामिल मार्क्सवादी विचारधारा वाली पार्टी के एक सदस्य ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी रजिस्टर यानी आरटीओ में रजिस्टर्स कई और गाड़ियां है जो अभी तक गायब हैं.


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अनुरा कुमारा दिसानायके की जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) पार्टी के मेंबर वसंथा समरसिंघे ने बताया कि पुरानी सरकार के बड़े-बड़े नेता और अफसर सरकारी कारों और SUV को बिना कोई सूचना अथवा हैंडओवर दिए छोड़कर चले गए. 


 सैकड़ों सरकारी महंगी गाड़ियां गायब


56 साल के दिसानायके को कुछ दिन पहले राष्ट्रपति सचिवालय में मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई. राष्ट्रपति चुनाव के बाद देश में सत्ता परिवर्तन के तहत प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धने द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के कुछ घंटे बाद दिसानायके का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था.


लंबी-लंबी गाड़ियां और इतना सन्नाटा क्यो हैं? 


लोग गाड़ियां छोड़ कर भागे हैं. हैरानी की बात ये है कि कुछ गाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश गाड़ियों का कहीं कोई हिसाब नहीं है कि उन गाड़ियों को कौन चला रहा है. बताया गया कि नेता और अफसर चुपचाप राष्ट्रपति दफ्तर के बाहर भी गाड़ी छोड़कर जा रहे हैं. उनकी चाबियां का भी कोई अता-पता नहीं है. इस बेड़े में टोयोटा की लैंड क्रूजर और दूसरी महंगी गाड़ियां शामिल हैं.


मामले की जांच में क्या निकला?


जेवीपी नेता समरसिंघे ने मीडिया को बताया कि हमारी सरकार ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि इन गाड़ियों को किसने छोड़ा और किसके कहने पर उनका इस्तेमाल किया गया. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि गाड़ियों के साथ चाबियां छोड़ी गई थीं या नहीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति सचिवालय में पंजीकृत 833 गाड़ियों के बेड़े में से 253 का कोई पता नहीं है. अनुरा कुमारा दिसानायके के श्रीलंका के राष्ट्रपति बनने के बाद से भ्रष्टारियों में खौफ है.


अनुरा कुमारा दिसानायके ने शनिवार को हुए चुनाव में जीत हासिल की थी. उन्होंने देश की राजनीतिक संस्कृति को बदलने और भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से निपटने का वादा किया था. स्थानीय चुनाव पर्यवेक्षकों ने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के दौरान सरकारी वाहनों और दूसरे सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की शिकायतें मिली हैं. कई नेता और अफसर पर्सनल यूज के लिए सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल किया.