Turkish parliamentary commission on Sweden: स्वीडन, नाटो (NATO) का सदस्य बनने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है. दरअसल उसकी राह का सबसे बड़ा कांटा हटने में करीब डेढ़ साल का लंबा वक्त लग गया. तुर्की ने स्वीडन को NATO में शामिल होने के लिए अपनी बोली को मंजूरी देने के लिए संसद में चर्चा की और विदेश मामलों की समिति ने आखिरकार स्वीडन को हरी झंडी दिखा दी. तुर्किए संसद के विदेशी मामलों के आयोग ने उस बिड को मंजूरी दे दी है, जिसमें अंकारा ने स्टॉकहोम से सुरक्षा संबंधी रियायतों की मांग की थी. 


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संसद में चली लंबी बहस


तुर्किए के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन की सत्तारूढ़ एके पार्टी द्वारा नियंत्रित इस आयोग ने अन्य मामलों पर बातचीत समेत करीब चार घंटे की बहस के बाद मंजूरी दे दी, इसी मामले में पिछली बार संसद ने स्वीडन की बिड पर होने वाली वोटिंग स्थगित कर दी थी. माना जा रहा है कि अब जल्द ही तुर्की की संसद में वोटिंग कराकर, सबकुछ क्लियर कर दिया जाएगा. क्योंकि एर्दोगन की पार्टी के पास संसद में पूर्ण बहुमत है. संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन इस पर हस्ताक्षर कर कानून बनाएंगे, जिससे साथ ही एक ऐसी प्रक्रिया का समापन होगा जिसने अंकारा के कुछ सहयोगियों को निराश किया था.


एर्दोगन की एके पार्टी, उसके राष्ट्रवादी सहयोगियों और मुख्य विपक्षी दल सीएचपी ने अनुसमर्थन के पक्ष में मतदान किया, जबकि इस्लामवादी फेलिसिटी पार्टी और दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी आईयी पार्टी ने इसके खिलाफ मतदान किया.