Taliban Leader mocks Pakistan by sharing picture of 1971 war: पाकिस्तान ने बड़े अरमानों के साथ तालिबान (Taliban) को पाला था. उसे उम्मीद थी कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान उसके पिट्ठू के रूप में काम करेगा. लेकिन अब वही तालिबान उसे औकात बताने में लगा है. पाकिस्तानी नेताओं की ओर से TTP आतंकियों के सफाये के लिए अफगानिस्तान में घुसकर हमला करने के बयानों पर तालिबान ने पलटवार किया है. तालिबान ने भारतीय सेना की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर कर कहा है कि जैसे भारत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान को पीटकर इतिहास बनाया था, वैसा ही इतिहास अफगानिस्तान पर हमला करने पर फिर दोहरा दिया जाएगा.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तालिबान ने यूं छिड़का पाकिस्तान के जख्मों पर नमक


तालिबान (Taliban) के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर अहमद यासिर ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है. इस फोटो में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के कमांडर रहे जनरल नियाजी भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के आगे सरेंडर पेपर पर साइन कर रहे हैं. उनके पीछे भारतीय वायु सेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी खड़े हुए हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली लड़ाई थी, जब 93 हजार सैनिकों ने एक साथ हथियार डाल दिए थे. भारतीय सेना ने अपने दिल्ली आर्मी हेडक्वार्टर में यह तस्वीर लगाई हुई है, जहां पर आर्मी चीफ दूसरे देशों से आने वाले सेना प्रमुखों से मुलाकात करते हैं. पाकिस्तानी सेना को आज भी यह हार बहुत सालती है और उसके अधिकारी इस पर कोई जवाब नहीं दे पाते. 



'दोबारा सरेंडर एग्रीमेंट के लिए होना पड़ेगा तैयार'


अहमद यासिर ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखकर पाकिस्तान को धमकी भी दी. यासिर ने लिखा, 'पाकिस्तान के गृह मंत्री, बहुत बढ़िया सर. अफगानिस्तान (Afghanistan) न तो सीरिया है और न ही पाकिस्तान कोई तुर्की है, जो सीरिया में घुसकर जब चाहे कुर्दों के ऊपर मिलिट्री अटैक कर दें. अफगानिस्तान खुद पर गर्व करने वाले कई बड़े साम्राज्यों का कब्रिस्तान रहा है. अफगानिस्तान के ऊपर हमला करने की न सोचें वरना जिस तरह भारत के साथ सरेंडर एग्रीमेंट पर साइन किए थे, उस तरह का एग्रीमेंट फिर करने को मजबूर होना पड़ेगा.' 


'अफगानिस्तान में कोई टीटीपी आतंकी नहीं'


इस तस्वीर के जरिए पाकिस्तान की दुखती रग को दबाने के साथ ही तालिबान (Taliban) ने उसे सोमवार को दूसरा झटका भी दिया. तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान में TTP के कोई ठिकाने नहीं है. पाकिस्तान के जो भी नेता इन कथित ठिकानों को नष्ट करने के नाम पर अफगानिस्तान (Afghanistan) पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं, वह गलत और भड़काऊ है और तालिबान इस स्थिति को हर्गिज सहन नहीं करेगा. 


'अफगानिस्तान में हमले कर सकता है पाकिस्तान'


बताते चलें कि पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि तालिबान को बड़ी धमकी दी थी. सनाउल्ला खान कहा था कि तालिबान ने TTP से लड़ने में पाकिस्तान की मदद नहीं की तो वह अफगानिस्तान (Afghanistan) में घुसकर टीटीपी को निशाना बना सकता है.पाकिस्तानी मंत्री के इस बयान पर तालिबान ने सोमवार को कड़ा ऐतराज दर्ज करवाया. तालिबान ने कहा कि टीटीपी को अफगानिस्तान नहीं बल्कि पाकिस्तान में शरण मिली हुई है. फिर भी अगर पाकिस्तान उनके देश पर पर हमले का फैसला करता है तो इससे दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है. 


किसी भी दुस्साहस का देंगे करारा जवाब


तालिबान (Taliban) के अंतरिम रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस तरह के बयान पहले भी दिए गए हैं, जिन्होंने अतीत में भी दोनों देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाया है. मुल्ला याकूब ने पाकिस्तान नेताओं से कहा कि वह जंग के बजाय आपसी बातचीत के जरिए मामलों को हल करने की कोशिश करे. तालिबानी नेता ने कहा कि अपने देश की रक्षा और आजादी के लिए वे तैयार हैं. अगर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में कोई दुस्साहस का प्रयास किया गया तो उस हमले का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा. 


(पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं)