पेशावर: तालिबान (Taliban) काबुल में ईरान की तर्ज पर नई सरकार के निर्माण की घोषणा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. तालिबान के सबसे बड़े नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को अफगानिस्तान का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा. तालिबान के ‘सूचना एवं संस्कृति आयोग’ के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी ने कहा, 'नई सरकार बनाने पर बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा हुई.' इनामुल्ला ने कहा कि अगले तीन दिन में काबुल में नई सरकार बनाने के लिए समूह पूरी तरह तैयार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कल (शुक्रवार) जुमे की नमाज के बाद तालिबान अफगानिस्तान में नई सरकार बनाएगा.


सुप्रीम लीडर राष्ट्रपति से भी ऊपर


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नई सरकार में 60 वर्षीय मुल्ला अखुंदजादा तालिबान सरकार का सर्वोच्च नेता होगा. ईरान में नेतृत्व की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी जहां सर्वोच्च नेता देश का सबसे बड़ा राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होता है. उसका पद राष्ट्रपति से ऊपर होता है और वह सेना, सरकार व न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में सर्वोच्च नेता का निर्णय अंतिम होता है.
समांगनी ने कहा, 'मुल्ला अखुंदजादा सरकार के सर्वोच्च नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए.' मुल्ला अखुंदजादा तालिबान का सबसे बड़ा धार्मिक नेता है और पिछले 15 साल से बलूचिस्तान प्रांत के कचलाक क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद में कार्यरत है. 


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गवर्नर चलाएंगे राज्य व जिले


समांगनी ने कहा कि नई सरकार के तहत, गवर्नर प्रांतों के प्रमुख होंगे और ‘जिला गवर्नर’ अपने जिले के प्रभारी होंगे. तलिबान ने पहले ही प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नरों, पुलिस प्रमुखों और पुलिस कमांडरों की नियुक्ति कर दी है. नई प्रशासन प्रणाली का नाम, राष्ट्रीय झंडा और राष्ट्रगान पर अभी फैसल लिया जाना बाकी है. इस बीच दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय में उप नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने गुरुवार को विदेशी मीडिया चैनलों को बताया कि नई सरकार में अफगानिस्तान के सभी कबीलों के सदस्यों और महिलाओं को शामिल किया जाएगा.


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20 साल सरकारों में रहे तो अब जगह नहीं


मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी ने कहा, 'जो कोई भी पिछले 20 साल में अफगानिस्तान में पूर्ववर्ती सरकारों में शामिल था उसे नए तालिबान प्रशासन में जगह नहीं मिलेगी.' मुल्ला अखुंदजादा कंधार से सरकार का कामकाज देखेगा. समांगनी ने कहा कि तालिबान यूरोपीय संघ, अमेरिका और भारत से दोस्ताना संबंध चाहता है और इसके लिए दोहा में तालिबान का राजनीतिक ऑफिस विभिन्न देशों के संपर्क में है. अगले 48 घंटे में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरु करने की भी योजना है.


(Input: भाषा)


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