काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा कर चुके आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) से जुड़ा एक नया खुलासा हुआ है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा कि वो सालों तक अमेरिकी सेना और अफगान नेशनल फोर्स (Afghan National Force) के नाक के नीचे रहा लेकिन वो कभी भी उसे पकड़ नहीं पाए. वो कई साल तक उन्हें बेवकूफ बनाता रहा.


आतंकी ने अमेरिकी सेना को किया गुमराह


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जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिका और अफगानिस्तान की सेना उन्हें भूत समझती थी. वो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रहता था लेकिन दोनों सेनाएं उसका कुछ नहीं कर पाईं. गौरतलब है कि जबीउल्लाह ने इस बात का खुलासा अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के करीब 1 महीने बाद किया है.


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तालिबानी आतंकी ने पाकिस्तान में की पढ़ाई


तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि उसने अमेरिका और अफगानिस्तान की सेना को हमेशा अंधेरे में रखा. वो उन्हें लगातार गुमराह करता रहा. जबीउल्लाह ने बताया कि उसने उत्तरी पाकिस्तान के नौशेरा में स्थित हक्कानिया सेमिनरी में पढ़ाई की है, जिसे पूरी दुनिया तालिबान यूनिवर्सिटी या जेहाद यूनिवर्सिटी के तौर पर जानती है.



अमेरिका को चकमा देता रहा ये आतंकी


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जबीउल्लाह ने बताया कि अमेरिका और अफगानिस्तान की फौज को लगता था कि जबीउल्लाह नाम का कोई भी शख्स है ही नहीं. तालिबान उन्हें गुमराह करने के लिए ये नाम इस्तेमाल करता है. उसने आगे कहा कि मैं कई बार सेना की छापेमारी और हमले से बच निकाला. कोई उसे पकड़ नहीं पाया.


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जबीउल्लाह ने कहा कि अब मैं अफगानिस्तान फ्री होकर घूम सकता हूं. मुझपर रोक लगाने वाला कोई नहीं है. अमेरिका और अफगान सेना को गुमराह करना मेरे लिए फायदेमंद रहा. अमेरिका सेना इंटेलिजेंस पर बहुत पैसा खर्च करती थी, वो मुझे पकड़ भी सकती थी लेकिन फिर भी मैंने कभी भी अफगानिस्तान नहीं छोड़ा.


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