Talibani बोल: ‘शराब की बोतलें तोड़ेंगे, बच्चों की किताबें फाड़ेंगे तब लौटाएंगे Embassy’
तालिबान ने काबुल स्थित नॉर्वे के दूतावास अपर कब्जा जमा लिया है. जबकि उसके सुप्रीम लीडर ने सभी दूतावासों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया था. तालिबानी लड़ाकों का कहना है कि दूतावास वापस कर दिया जाएगा, लेकिन उससे पहले वो वहां मौजूद शराब की बोतलें और बच्चों की किताबों को नष्ट करेंगे.
काबुल: तालिबान (Taliban) भले ही अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो गया हो, लेकिन बंदूक के दम पर कब्जा जमाने की उसकी आदतों में कोई कमी नहीं आई है. तालिबानी लड़ाकों ने काबुल स्थित नॉर्वे के दूतावास (Norwegian Embassy) पर कब्जा कर लिया है. हथियारों से लैस तालिबानी दूतावास में घुसे और सब कुछ अपने नियंत्रण में ले लिया. बता दें कि तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने सरकार के गठन की घोषणा के बाद कहा था कि विदेशी राजनयिकों और दूतावासों को डरने की जरूरत नहीं है. उन्हें अफगानिस्तान में सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा.
Ambassador ने उजागर की करतूत
तालिबान (Taliban) की इस करतूत के बारे में ईरान में नॉर्वे के राजदूत सिगवाल्ड हाउगे (Ambassador Sigvald Hauge) ने ट्वीट करके जानकारी दी है. उन्होंने तालिबानी लड़ाकों का एक फोटो भी पोस्ट किया है. अपने ट्वीट में राजदूत ने लिखा है, ‘तालिबान ने अब काबुल स्थित नॉर्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है. उसका कहना है कि दूतावास बाद में लौटाया जाएगा. इसे पहले वो वाइन की बोतलें और बच्चों की किताबों को नष्ट करेगा’.
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Education का दुश्मन है Taliban
तालिबान शुरुआत से ही बच्चों की पढ़ाई के खिलाफ रहा है. भले ही वो बड़ी-बड़ी बातें करे, लेकिन असलियत यही है कि उसे पढ़ते बच्चे अच्छे नहीं लगते. खासतौर पर लड़कियों का स्कूल जाना उसे इस्लाम के खिलाफ नजर आता है. तालिबानी हुकूमत के शिक्षा मंत्री खुद अपने ‘ज्ञान’ का प्रदर्शन कर चुके हैं. शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर (Sheikh Molvi Noorullah Munir) की नजर में पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि ताकत के आगे शिक्षा मायने नहीं रखती, तालिबानियों ने भी ताकत के बल पर सत्ता हासिल की है.
Embassy खंगाल रहे लड़ाके
तालिबान के खौफ के चलते कई देशों ने अपने दूतावास खाली कर दिए हैं. तालिबानी लड़ाकों के काबुल पहुंचते ही विदेशी दूतावास खाली होने लगे थे. जब तालिबानी उन दूतावासों में जाकर सबकुछ खंगाल रहे हैं. बीच में ऐसी भी खबरें सामने आई थीं कि अमेरिकी एंबेसी के कर्मचारी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज वहां छोड़ गए हैं. दरअसल, तालिबान अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वालों को अपना दुश्मन मानता है. वो उनकी जानकारी जुटाने के लिए दूतावासों को खंगाल रहा है.
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