नई दिल्ली: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने सोमवार को संसद में ब्रेक्जिट पर अपनी 'दूसरी योजना' (प्लान बी) पेश की. ईयू से ब्रिटेन के अलग होने संबंधी समझौते को सांसदों द्वारा खारिज किए जाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया. इससे पहले समझौता संसद में पारित नहीं हो पाने के कारण ब्रेक्जिट से पहले ब्रिटेन में राजनीति गर्मा गई है.


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सांसद यदि समय रहते ऐसी वैकल्पिक योजना तैयार नहीं कर पाते, जिससे ब्रसेल्स खुश हो या ब्रेक्जिट की तय तारीख को स्थगित नहीं किया गया तो ब्रिटेन को बिना किसी समझौते के 29 मार्च को यूरोपीय संघ छोड़ना पड़ सकता है.


गौरतलब है कि मे के समझौते को 'हाउस ऑफ कामन्स' में 432 के मुकाबले 202 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव में 325 सांसदों ने उनकी सरकार का समर्थन किया जबकि 306 सांसदों ने संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था और मे 19 मतों के अंतर से जीत गईं थी.


मे ने गुरुवार को नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रट, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से बात की. उन्होंने शुक्रवार को ईयू नेता जीन-क्लाउड जंकर और डोनाल्ड टस्क से भी फोन पर ब्रेक्जिट के संबंध में चर्चा की.


ईयू प्रमुखों बहुत पहले ही समझौते पर फिर से बातचीत से इनकार कर चुके हैं. लेकिन उन्होंने संकेत दिए हैं कि यदि मे नागरिकों के मुक्त आवागमन को बाधित करने और ईयू के सीमा शुल्क संघ को छोड़ने पर अपनी 'रेड लाइन' में बदलाव करती हैं तो वापसी की प्रक्रिया को स्थगित किया जा सकता है.


(इनपुट-भाषा)