Girls' Education in Afghanistan: तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय और प्राथमिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के आदेश को ‘ग़ैर-इस्लामिक’ बताया है, बुधवार को एक टेलीविज़न भाषण उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता वह इस पर नजर रखेंगे.


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मिडिल ईस्ट आई के मुताबिक एर्दोगन ने अंकारा में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह अमानवीय और गैर-इस्लामिक है.  हमारे धर्म में ऐसा कुछ नहीं है. किसी भी प्रतिबंध को इस्लाम के आधार पर इस तरह परिभाषित नहीं करना चाहिए. इस्लाम ऐसी किसी बात को स्वीकार नहीं करता. इसके विपरीत, हम एक ऐसे धर्म के सदस्य हैं जो कहता है कि 'पालने से लेकर कब्र तक ज्ञान खोजो.'


बता दें 2021 की गर्मियों में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, देश और विदेश में धार्मिक नेताओं, विद्वानों, बुद्धिजीवियों ने इसके दावों को चुनौती दी है कि इस्लाम में महिलाओं के लिए शिक्षा और काम को प्रतिबंधित करना जायज है. हालांकि, इस्लामिक अमीरात का कहना है कि उसे अन्य देशों के मुस्लिम विद्वानों का समर्थन प्राप्त है.


ओआईसी की बैठक
बुधवार को, तुर्की ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की एक असाधारण बैठक शुरू की, जिसमें अफगान अंतरिम सरकार से महिलाओं की शिक्षा पर रोक और महिलाओं के शैक्षिक और गैर-सरकारी संगठनों में काम करने पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का आह्वान किया गिया.


ओआईसी ने इंटरनेशनल इस्लामिक फ़िक़्ह अकादमी (आईआईएफए) के नेतृत्व में एक धार्मिक प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी फैसला किया, ताकि इस बात पर ज़ोर दिया जा सके कि महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के सभी स्तरों तक पहुंच, जिसमें विश्वविद्यालय स्तर भी शामिल है, ‘महान इस्लामिक शरीयत की शिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मौलिक अधिकार है.’


एर्दोगन ने कहा कि तुर्की के विदेश मंत्रालय के साथ-साथ वह खुद भी अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति पर ‘व्यक्तिगत रूप से नज़र रखेंगे’ ’ और इसे अनियंत्रित नहीं छोड़ेंगे.


अफगानिस्तान में तुर्की चलाता है 80 स्कूल
बता दें तुर्की अपने राज्य द्वारा वित्तपोषित मारिफ फाउंडेशन के माध्यम से अफगानिस्तान में 80 स्कूलों का संचालन कर रहा है. तालिबान ने पिछले महीने तुर्की के केवल लड़कियों के 14 प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया था.


तुर्की के अधिकारियों ने बाद में लड़कियों के लिए प्राइमरी स्कूलों को फिर से खोलने में कामयाबी हासिल की. फिलहाल तुर्की अधिकारियों की कोशिश है कि आगे चलकर केवल महिला कर्मचारियों को नियुक्त करके और पुरुषों और लड़कियों की अलग-अलग इमारतों में में स्कूलों का संचालन करके, लड़कियों के हाई स्कूलों को फिर से खोला जा सके.


अगस्त 2021 में अपगानिस्तान पर तालिबान के फिर से कब्जे के बाद तुर्की एकलौता नाटो देश है जिसका दूतावास काबुल में काम कर रहा है.


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