Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को तीन महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. लड़ाई किसी अंजाम तक पहुंचती नजर नहीं आ रही. अब रूसी मिसाइलों और अन्य हमलों का जवाब देने के लिए यूक्रेन इजरायल से आयरन डोम रॉकेट इंटरसेप्शन सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट्स  के मुताबिक तेल अवीव में यूक्रेन के राजदूत ने इजरायल से इसे बेचने और एंटी टैंक मिसाइल्स मुहैया कराने को कहा है. 


इजरायल से सैन्य सहायता मांग रहा यूक्रेन


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मंगलवार को येवगेन कोर्नियचुक ने इजरायल पर मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेचने की इजाजत नहीं देने का आरोप लगाना बंद कर दिया. राजदूत अब चाहते हैं कि इजरायली सरकार यूक्रेन को सैन्य सहायता मुहैया कराए. यह कहते हुए कि अमेरिका इस कदम का विरोध नहीं करेगा, कोर्नियचुक ने कहा कि यूक्रेन इजरायल से रॉकेट इंटरसेप्शन सिस्टम खरीदना चाहता है.


अमेरिका दे रहा इजरायल को समर्थन


आयरन डोम सिस्टम कम दूरी वाले रॉकेट को इंटरसेप्ट कर उसे जमीन पर गिरने से पहले ही नष्ट कर देता है. करीब एक दशक से अमेरिका इजरायल के आयरन डोम को वित्तीय रूप से सपोर्ट कर रहा है. कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस के मुताबिक उसने इसके उत्पादन और मेंटेनेंस के लिए 1.6 बिलियन डॉलर दिए हैं. 


रूस को नाराज नहीं करना चाहता इजरायल


कोर्नियचुक ने यह भी कहा कि पिछले हफ्ते इजरायल ने यूक्रेन के लिए स्पाइक एंटी टैंक मिसाइलों को यूक्रेन भेजने की अमेरिका और जर्मनी की गुजारिश को भी ठुकरा दिया था. इजरायल यूक्रेन को सिर्फ मानवीय सहायता दे रहा है. इजरायल इकलौता देश था, जो देश के अंदर फील्ड हॉस्पिटल चला रहा था. इजरायल यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से बच रहा है क्योंकि इससे रूस के नाराज होने का डर है. पड़ोसी देश सीरिया में रूस की सेना भी है. 


रूस का दावा-एक प्रांत के 97% हिस्से पर कब्जा


दूसरी ओर, रूस ने दावा किया है कि उसने डोनबास क्षेत्र के दो प्रांतों में से एक प्रांत के 97 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है और कोयला खदानों व कारखानों के गढ़ वाले क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच गया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने मंगलवार को कहा कि लुहान्स्क प्रांत के अधिकतर क्षेत्र मास्को की सेना के कब्जा में है और यूक्रेन के अधिकारियों और सैन्य विश्लेषकों के मुताबिक रूस का दोनेत्स्क प्रांत के लगभग आधे हिस्से पर कब्जा है. रूस ने घोषणा की कि पूरे डोनबास को अपने कब्जे में करना उसका असल मकसद है. मास्को समर्थित अलगाववादी 2014 से डोनबास में यूक्रेनी सरकारी सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं और इस क्षेत्र को हाल के हफ्तों में रूसी हमले का खामियाजा भुगतना पड़ा है.


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