Israel-Hamas War: संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने शुक्रवार इजरायल को 'राफा में अपने मिलिट्री ऑपरेशन को तुरंत रोकने' का आदेश दिया है. इसके साथ ही इजरायल से राफा की सीमा चौकी को आपात मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए खोले जाने का आदेश भी दिया गया है. ICJ का यह आदेश, दक्षिण अफ़्रीका द्वारा दायर उस केस में सुनाया गया है जिसमें इजरायल पर जनसंहार सन्धि के तहत उसकी जिम्मेदारियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने यह ऑर्डर 13 मतों के समर्थन और दो मतों के विरोध के साथ पारित किया है.


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ICJ के जज नवाफ सलाम ने शुक्रवार को द हेग स्थित परिसर में एक खुले सत्र में नए अन्तरिम प्रावधानों को पढ़ते हुए घोषणा की कि इजरायल को जनसंहार सन्धि के अन्तर्गत उसकी ज़िम्मेदारियों का अनिवार्य रूप से पालन करते हुए, 'राफा गवर्नरेट में अपने सैन्य हमले और अन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकना होगा, जो ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी समूह के लिए ऐसे जीवन हालात बना सकते हैं, जो पूर्ण या आंशिक रूप से उनके भौतिक विनाश का कारण बन सकते हैं.'


अदालत के निर्णय पर इजरायल की प्रतिक्रिया
द गार्डियन के मुताबिक एक बयान में, इजरायली पीएम नेतन्याहू के कार्यालय ने दक्षिण अफ्रीका के नरसंहार के आरोप को 'झूठा, अपमानजनक और घृणित' बताते हुए खारिज कर दिया.


बयान में कहा गया, 'इजरायल ने राफा क्षेत्र में कोई सैन्य अभियान नहीं चलाया है और न ही ऐसा करेगा, जो फिलिस्तीनी नागरिक आबादी के संपूर्ण या आंशिक विनाश का कारण बन सकता है.'


'केवल एक ही जवाब होना चाहिए’
इजरायल के धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामर बेन-गविर ने अदालत पर 'विरोधी' होने का आरोप लगाया. उन्होंने इजरायल के पहले पीएम, डेविड बेन-गुरियन को उद्धृत करते हुए, एक्स पर कहा,'हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर नहीं है कि बाकी लोग क्या कहेंगे, बल्कि इस बात पर निर्भर है कि यहूदी क्या करेंगे.'


बेन-गविर ने कहा कि अदालत के फैसले का 'केवल एक ही जवाब होना चाहिए - राफा पर कब्ज़ा, सैन्य दबाव में वृद्धि और हमास को कुचलना, जब तक कि युद्ध में पूरी जीत हासिल नहीं हो जाती.'


बता दें पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल के दक्षिणी इलाक़े में एक आतंकी हमला किया था. यह फिलिस्तीनी  ग्रुप का अब तक का सबसे बड़ा हमला था जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया.


इसके बाद इसराइल की तरफ गाजा में शुरू किए गए हमले में अभी तक लगभग 36 हजार फिलिस्तीनी फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं. पूरे गाजा में भीषण तबाही मची हुई है. गाजा पट्टी में नाकाबन्दी और गोलाबारी के हालात में अकाल के हालात बनते नजर आ रहे हैं.