Houthi Rebels War: भारत अपने मित्र देश जापान के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है तो अमेरिका ओर ब्रिटेन मिलकर यमन में हूती व्रिदोहि​यों पर मिसाइलें बरसा (Attack On Houthi Rebels) रहे हैं. जिसमें हूती के ठिकानों को बड़ा नुकसान हुआ है. लाल सागर से हो रहे तेल व्यापार में रोड़े के बाद मिडिल ईस्ट में लगी ये आग अब ईरान (Iran) तक भी पहुंच सकती है. क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान को सीधी धमकी (Joe Biden Warning To Iran) दे दी है कि हूती पर हो रहे हमलों को ईरान अपने लिए चेतावनी समझे.


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अमेरिका ने किया बदला लेने का ऐलान


लाल सागर में हूती आतंकियों ने जो आपातकाल पैदा किया, उसकी कीमत अब अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलें यमन से वसूल कर रही हैं. यमन में हूती विद्रोहियों के अड्डे पर लगातार दूसरे दिन मिसाइलें बरसाई गईं. शक्रवार रात को किए गए हमलों के नतीजे सैटेलाइट इमेज में दिखाई दे रहे हैं. यहां पर हूती विद्रोहियों के तबाह हुए ठिकाने नजर आ रहे हैं. जिसके बाद हूती विद्रोही अमेरिका से बदला लेने का ऐलान कर चुके हैं.


हूती पर हमला तो सिर्फ झांकी है?


लेकिन अमेरिका अभी भी इन विद्रोहियों को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहा है. क्योंकि हूती के हमले दुनिया में तेल के दामों पर आग लगा रहे हैं. और ये आग लाल सागर से बढ़ती हुई वाया यमन ईरान तक भी पहुंच सकती है. क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीधी चुनौती दे दी है. यमन पर धमाके झांकी हैं, हूती विद्रोहियों के हैंडलर इस ट्रेलर को अपने ​लिए भी बड़ी चेतावनी समझें.


बाइडेन ने ईरान को दी सीधी चेतावनी


जो बाइडेन ने कहा कि मैंने पहले ही ईरान को संदेश दे दिया है. वे जानते हैं कि कुछ नहीं करना है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर हूती ये हमले जारी रखते हैं तो हम उन्हें जवाब देंगे. मतलब साफ है हूती आतंकियों पर हमला जारी रहेगा और ईरान ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों के जवाब में कोई प्रतिक्रिया दी तो अमेरिका की मिसाइलें ईरान पर गिरनी शुरू हो जाएंगी.


हूती विद्रोहियों के खिलाफ घातक हथियारों का इस्तेमाल


चलिए अब आप समझिए क्यों अमेरिका और ब्रिटेन के हमले हूती विद्रोहियों पर भारी पड़ रहे हैं. दरअसल, इसके लिए दोनों देश सबसे घातक ह​थियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. आरएएफ टाइफून ट्विन इंजन फाइटर जेट, F-35B, रीपर ड्रोन और टॉमहॉक मिसाइल से हूती पर हमला किया जा रहा है.


एक तरफ यमन पर बरस रही अमेरिका ब्रिटेन की मिसाइलें हैं. दूसरी तरफ इन हमलों का विरोध भी शुरू हो गया है. यमन की सड़कों पर उतरकर लोग विरोध कर रहे हैं. वे अमेरिका और ब्रिटेन की एंबेसी बंद करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि हमला करने वाले देशों की एंबेसी इस्लामी देशों में बंद होनी चाहिए.