Indonesia Violence News: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चुनाव कानून प्रक्रिया में संशोधन के बाद हिंसा भड़क गई. हजारों की संख्या में लोग राजधानी जकार्ता की सड़कों पर उतर आए. विरोध कर रहे लोगों ने संसद भवन में ही धावा बोल दिया. और जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी संसद भवन के गेट पर चढ़ गए और संसद भवन के गेट को भी उखाड़ डाला. 


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जकार्ता की सड़कों पर बवाल, आगजनी


विरोध कर रहे लोगों ने जकार्ता की सड़कों पर जमकर बवाल किया. टायरों में आग लगा दी. वहीं बवाल बढ़ता देख सुरक्षाकर्मियों को भी सख्त एक्शन लेना पड़ा. सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं वाटर कैनन का इस्तेमाल करके भी अनियंत्रित भीड़ को रोकने की कोशिश की गई. इस दौरान संसद भवन पर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों की भीड़ नजर आ रही थी जो संसद भवन में तोड़फोड़ करने पर आमादा थी.


प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के साथ-साथ कई सरकारी इमारतों को भी निशाना बनाया और वहां भी हंगामा किया. प्रदर्शनकारी लगातार बेकाबू हो रहे थे और जमकर हंगामा करने लगे. इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों को खदेड़ लिया.


पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीटा


पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. वहां से सामने आए एक वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटती दिखाई दी...जबकि प्रदर्शनकारी पुलिस की लाठियों से बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखाई दिए.


इस दौरान जकार्ता पुलिस के करीब आधा दर्जन जवान एक प्रदर्शनकारी को बुरी तरह मारते दिखे. हालांकि अपने साथी को छुड़ाने के लिए वहां मौजूद सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस टीम पर पथराव भी कर रहे थे.


किस आदेश के बाद भड़की हिंसा?


राजधानी जकार्ता के अलावा इंडोनेशिया के पड़ांग, बांडुंग और योग्याकार्ता जैसे शहरों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए. दरअसल बुधवार को इंडोनेशिया की शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि किसी उम्मीदवार को चुनाव में उतारने के लिए पार्टियों को क्षेत्रीय विधानसभाओं में कम से कम 20 प्रतिशत समर्थन की जरूरत नहीं है, जिसके बाद इंडोनेशिया की संसद में शीर्ष अदालत के इस फैसले को पलटने की कोशिश की गई. और इसी वजह से वहां हिंसा भड़क गई और लोग प्रदर्शन करने लगे.