Bush Vomiting Incident: वैसे तो इतिहास के पन्ने कई यादगार और ना भुलाने वाली घटनाओं से भरे पड़े हैं लेकिन 8 जनवरी का दिन अमेरिकी इतिहास की एक अनोखी और मजेदार घटना का गवाह बना. यह वह दिन था जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने जापान के प्रधानमंत्री कीइची मियाजावा की गोद में उल्टी कर दी थी. यह घटना जापान में एक राजकीय भोज के दौरान हुई और आज भी अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में चर्चा का विषय बनी हुई है. आइए इस घटना पर नजर डालते हैं कि आखिर यह कब और किन परिस्थितियों में हुई थी. 


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राजकीय भोज में हुआ था ये वाकया
दरअसल, घटना 8 जनवरी 1992 को हुई थी जब बुश जापान गए थे. प्रधानमंत्री मियाजावा राष्ट्रपति बुश के सम्मान में एक राजकीय भोज का आयोजन कर रहे थे. 67 वर्षीय बुश दिन में जापान के सम्राट और उनके बेटे के साथ टेनिस खेलते हुए स्वस्थ और ऊर्जावान नजर आए थे. लेकिन डिनर के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. बुश झुके, उल्टी की, और बेहोश हो गए. उनकी पत्नी बारबरा बुश, सुरक्षाकर्मी, और डॉक्टर तुरंत उनकी मदद के लिए पहुंचे. कुछ ही मिनटों में उन्हें होश आ गया और वे खुद चलकर बाहर गए. उन्होंने प्रधानमंत्री और वहां मौजूद सभी लोगों से माफी भी मांगी.


आखिर डॉक्टरों की रिपोर्ट में क्या आया.. 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया कि बुश को एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस हुआ था, यानी पेट में संक्रमण. उन्हें एंटी-नॉशिया दवा दी गई, जिसके बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ. अगले ही दिन उन्होंने अपने तय कार्यक्रम को फिर से जारी रखा. हालांकि, यह घटना मीडिया में सुर्खियां बन गई और इसका वीडियो पूरी दुनिया में देखा गया.


राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव
यह घटना अमेरिकी राजनीति में मजाक और आलोचना का विषय बन गई. टीवी शोज, जैसे सैटरडे नाइट लाइव, ने इस पर व्यंग्य किया और इसे एक बड़ी घटना के तौर पर पेश किया. इतना ही नहीं इस घटना ने 1992 के चुनावों में बुश की छवि को प्रभावित किया. उनके प्रतिद्वंद्वी, बिल क्लिंटन की युवा और ऊर्जावान छवि ने बुश के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच जनता का ध्यान खींचा.


‘बुशुरू’ टर्म का हुआ जन्म
जापान में इस घटना का इतना प्रभाव पड़ा कि एक नया शब्द ‘बुशुरू’ बनाया गया, जिसका मतलब है ‘बुश की तरह उल्टी करना’. यह घटना बुश के राजनीतिक करियर का एक मजेदार लेकिन शर्मनाक अध्याय बनी. उनके लिए दुर्भाग्य की बात रही कि वे 1992 में चुनाव हार गए, लेकिन बाद में उनके बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने बाद में दो बार राष्ट्रपति बनकर उनके परिवार का नाम जरूर ऊंचा किया.