Pirates: समुद्री लुटेरों की आंख पर काली पट्टी का क्या है रहस्य, हकीकत या सिर्फ फसाना
Pirates Eyepatch: हॉलीवुड की फिल्मों में समुद्री लुटेरों की एक आंख पर काली पट्टी आपने देखा होगा लेकिन क्या वास्तव में लुटेरे काली पट्टी का इस्तेमाल करते थे. जानकार बताते हैं कि इसके पीछे कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है. यह उपन्यास लिखने वालों की कल्पना पर आधारित है.
Pirates Eyepatch History: एक आंख पर काली पट्टी, मुंह में सिगार, बढ़ी हुई दाढ़ी अमूमन इस तरह के वेश में हम समुद्री लुटेरों को सिल्वर स्क्रीन पर देखते हैं लेकिन क्या वास्तव में लुटेरे एक आंख को काली पट्टी से ढकते थे. कुछ लोग कहते हैं कि यह हकीकत के करीब है तो कुछ लोग फसाना मानते हैं. कुछ इतिहासकार कहते हैं कि सुविधा के हिसाब के समुद्री लुटेरों के इस रूप की कल्पना कर किताबों और फिल्मी स्क्रीन पर उतारा गया. ऐतिहासिक तौर पर इसके साक्ष्य नहीं हैं कि समुद्री लुटेरे एक आंख पर काली पट्टी बांधा करते थे. अगर इसे हकीकत या फसाना मान भी लें तो इसके पीछे की वजह क्या थी.
काली पट्टी का रहस्य
कुछ शोधकर्ता बताते हैं कि समुद्री लुटेरे भी जहाजों का इस्तेमाल किया करते थे. वो कभी डेक पर रहते थे तो कभी डेक के नीचे जाया करते थे. ऐसे में क्या होता था कि उजाले से अंधेरे में अंधेरे से उजाले की तरफ जाने से देखने में परेशानी होती थी. उस परेशानी से बचने के लिए एक आंख पर काली पट्टी बांधा करते थे कि ताकि एक आंख के जरिए वो दोनों तरह की स्थितियों का सामना कर सकें. 2007 में पाइरेट स्पेशल में कारी नाम की समंदरी लुटेरे को आंख के डॉक्टर के पास ले जाया गया और उसकी दोनों आंखों का टेस्ट किया गया. टेस्ट के बाद पता चला कि जिस आंख पर काली पट्टी थी उसके जरिए वो रात में आसानी से देख सकती थी. वहीं जो आंख खुली हुई थी उसके जरिए रात में देखने में परेशानी दिक्कत आई. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि एक आंख के जरिए वो दूर स्थित अपने टारगेट पर ध्यान केंद्रित करके थे.
हकीकत से अधिक फसाना
डॉ रेबेका साइमन जो कि इतिहासकार हैं उनके मुताबिक कम से कम इस बात के ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है कि समुद्री लुटेरे एक आंख पर काली पट्टी बांधा करते थे. दरअसल यह कल्पना है. खासतौर से लुटेरों के बारे में यह धारणा रॉबर्ट लुईस स्टीवेंसन के उपन्यास ट्रेजर आइलैंड की वजह से बनी. इसके बाद स्टीवेंसन की कल्पना को जॉन सिल्वर ने आगे बढ़ाया.समुद्री लुटेरे रहे एडवर्ड टेक जिन्हें ब्लैकबेयर्ड के नाम से भी जाना जाता था उनके जरिए स्टीवेंसन को प्रेरणा मिली और उन्होंने अपनी कल्पना का सहारा लेकर समुद्री डाकुओं के बारे में खाका बनाया. साइमन के मुताबिक ब्लैक बेयर्ड ने अपनी आखिरी डकैती से पहले किसी को नहीं मारा था. लेकिन स्टीवेंसन यह मान बैठे कि डाकू आंखों पर काली पट्टी बांधे नजर आते हैं.