Pager Attack: हिजबुल्लाह के सदस्यों पर पेजर अटैक ने पहले से उबल रही मिडिल ईस्ट की राजनीति में घी का काम किया है. पेजर अटैक का आरोप इजरायल पर लगाया गया है, जिससे एक नई जंग छिड़ने की संभावनाएं और भी मजबूत हो गई हैं. इसके बाद हिजबुल्लाह के पास विकल्प बेहद कम बचे हैं. हिजबुल्लाह एक आतंकी संगठन है और उसे ईरान सपोर्ट करता है. 


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पेजर्स से हमला करना अपने आप में एक अभूतपूर्व घटना है. इस हमले में कुछ हिजबुल्लाह आतंकियों समेत 12 लोगों की मौत हो गई और 3000 लोग घायल हो गए.


लेबनान और हिजबुल्लाह में फैला खौफ 


इस हमले का असली मकसद लेबनान में हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन और उसकी कमांड और  कंट्रोल सिस्टम में खलल डालना था. पेजर अटैक को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि इसमें इजरायल का हाथ है. चूंकि इजरायल हिजबुल्लाह आतंकियों के मोबाइल फोन को निशाना बना सकता है इसलिए संगठन के लोगों ने पेजर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था. 


शायद यह अटैक इसलिए किया गया ताकि हिजबुल्लाह लड़ाकों और लेबनान की जनता के भीतर एक खौफ पैदा किया जा सके. लेबनान में रहने वाले काफी लोग हिजबुल्लाह का समर्थन नहीं करते.


इजरायल ने खाई है हिजबुल्लाह को मिटाने की कसम


7 अक्टूबर के हमले के बाद से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बार-बार कहते रहे हैं कि वह हिजबुल्लाह को मिटा देंगे, जो उसके कट्टर दुश्मन हमास को सपोर्ट करता है. 


पेजर अटैक से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा था कि इजरायल जंग में अपना दायरा बढ़ा सकता है और वह उन हजारों लोगों को नॉर्थ इजरायल में दोबारा बसाएगा, जो हिजबुल्लाह के रॉकेट हमलों के कारण वहां से चले गए थे. इजरायल के रक्षा मंत्री के मुताबिक यह सिर्फ सैन्य एक्शन के जरिए ही मुमकिन है. 


हिजबुल्लाह-इजरायल की जंग हुई तो...


हिजबुल्लाह पहले ही कह चुका है कि वह पलटवार करेगा. लेकिन इसका प्रारूप क्या होगा, यह देखना बाकी है. हिजबुल्लाह ड्रोन्स और मिसाइलों के दम पर ना सिर्फ नॉर्थ इजरायल में तबाही मचा सकता है बल्कि तेल अवीव जैसे ज्यादा आबादी वाले इलाके को भी निशाना बना सकता है. 


हिजबुल्लाह ने अपना दम इजरायल के खिलाफ 2006 में दिखाया था. यह जंग 34 दिन चली थी, जिसमें 165 इजरायली (121 सैनिक और 44 नागरिक) मारे गए थे. इस जंग के कारण इजरायल की इकोनॉमी और टूरिस्ट इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा था. लेकिन इजरायल ने हिजबुल्लाह और लेबनान को भारी क्षति पहुंचाते हुए उनके 1,100 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. मगर इजरायली सेना हिजबुल्लाह का खात्मा नहीं कर पाई थी.


अगर हिजबुल्लाह इजरायल के शहरों को निशाना बनाने में कामयाब हो जाता है तो जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है. लेकिन इससे इजरायल को हिजबुल्लाह का खात्मा करने और ईरान को सबक सिखाने का एक मौका जरूर मिल जाएगा.