जिनेवा: भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. पहली लहर के समय जहां केंद्र और राज्य सरकारों ने संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया था. वहीं, इस बार सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. हालांकि, महामारी की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि आखिर किस वजह से कोरोना भारत में बेकाबू हो गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब इस सवाल का जवाब दिया है.  


Risk Assessment किया गया


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि भारत के हालात को लेकर हाल ही में एक जोखिम मूल्यांकन किया गया. इस दौरान यह बात सामने आई कि विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों सहित COVID-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी के कई संभावित कारक जिम्मदार रहे. खासतौर पर धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों में भारी भीड़ जुटी, जिसके चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा.


ये भी पढ़ें -Maharashtra में Corona Vaccine की किल्लत, रोका गया 18+ वालों का टीकाकरण


October में आया था पहला Case


WHO ने बुधवार को प्रकाशित महामारी संबंधित अपनी साप्ताहिक COVID-19 अपडेट रिपोर्ट में कहा कि वायरस के बी.1.617 वैरिएंट का सबसे पहला मामला अक्टूबर 2020 में सामने आया था. भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने वायरस के बी.1.617 वैरिएंट सहित अन्य वैरिएंट की अहम भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए हैं.


कई Factors रहे जिम्मेदार 


रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत के हालात को लेकर हाल ही में किए गए जोखिम मूल्यांकन में पाया गया है कि देश में कोरोना के मामलों में 'बढ़ोत्तरी एवं तेजी' के लिए कई संभावित कारक जिम्मदार रहे, जिसमें सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न स्वरूपों के प्रसार ने भी अहम भूमिका निभाई. इसी तरह विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में जुटी भारी भीड़ के चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा और संक्रमण फैलने की आशंका को बल मिला.


PHMS के पालन में हुई कमी


WHO के अनुसार, इसके अलावा जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों (PHMS) के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए जिम्मेदार रही. हालांकि, भारत में वायरस के प्रसार में वृद्धि के लिए जिम्मेदार इन सभी कारकों में से प्रत्येक कारक कितना जिम्मेदार रहा? अभी इसे बहुत अच्छी तरह समझा नहीं जा सका है. यानी सीधे तौर पर किसी एक कारक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.