Fumio Kishida News: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शनिवार सुबह पश्चिमी जापान के एक बंदरगाह पर विस्फोट में बाल-बाल बच गए. प्रधानमंत्री का जान उस स्थान पर मौजूद मछुआरों ने बचाई जिनकी अब बहुत तारीफ हो रही है. दरअसल मौके पर मौजूद तुसतोमू कोनिशी ने जैसे ही देखा कि एक वस्तु उसके सिर के ऊपर से गुजरते हुए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के पास जा गिरी, उसने और कुछ अन्य मछुआरों ने तत्परता दिखाते हुए एक व्यक्ति को धर दबोचा. पुलिस ने बाद में उस व्यक्ति की पहचान इस हमले में संदिग्ध के रूप में की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक ओर सुरक्षा अधिकारी ने बुलेटप्रुफ ब्रीफकेस से उस वस्तु को ढका और दूसरी ओर मछुआरों में एक ने पीछे से उस व्यक्ति का गर्दन पकड़ा, दूसरे ने उसका सिर नीचे की ओर दबाया और कोनिशी ने उसका पैर पकड़ लिया. उसके कुछ ही पल बाद एक धमाका हुआ और भीड़ इधर-उधर भागी तथा अधिकारी संदिग्ध को घसीटकर दूर ले गये.


मछुआरा समुदाय के प्रयासों की चर्चा
जापान के सोशल मीडिया पर मछुआरा समुदाय के प्रयासों की चर्चा हो रही है. कई लोगों का सवाल है कि कहीं वे सादे वर्दी में पुलिस अधिकारी तो नहीं थे.


मछुआरा समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि वे और पुलिस इस क्षेत्र की पहली यात्रा पर आये प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार थे. हालांकि कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सुरक्षा और कड़ी होनी चाहिए.


मेरे गृहनगर में ऐसा होगा कभी नहीं सोचा था
कोनिशी (41) ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘ मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे गृहनगर, जो एक छोटा सा मात्स्यिकी क्षेत्र है, में कभी ऐसा अपराध होगा.’ उन्होंने कहा, ‘ मैं अब भी स्तब्ध और चकित हूं.’


पीएम के भाषण शुरू करने से पहले ही हुआ विस्फोट
किशिदा स्थानीय चुनाव में अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के एक उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए कल वाकायामा के साईकजाकी बंदरगाह पहुंचे थे. प्रधानमंत्री अपना भाषण शुरू करने ही वाले थे कि वहां विस्फोट हो गया था.


मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजु मात्सुनो ने बताया कि संदिग्ध माने जा रहे एक युवक को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया. उसने कथित तौर पर कोई ‘‘संदिग्ध वस्तु’’ फेंकी थी. उसके बाद वहां विस्फोट भी हुआ.


नौ महीने पहले हुए थी पूर्व पीएम की हत्या
इस घटना ने नौ महीने पहले किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे की पश्चिमी शहर नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान हुई हत्या की यादें ताजा कर दी हैं. जन सुरक्षा और कड़े बंदूक कानून के लिए पहचाने जाने वाले जापान में इस हत्या के बाद कई शीर्ष स्थानीय और राष्ट्रीय पुलिस अधिकारियों ने इस्तीफे दे दिया था. साथ ही नेताओं और अन्य प्रतिष्ठित लोगों की सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश कड़े किए गए थे.


ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|