PM Modi Papua New Guinea: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रविवार शाम को पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) पहुंचे और वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. इतना ही नहीं पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने तो पीएम मोदी का आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर भी छू लिए. फिर उनकी पीठ थपथपाकर पीएम मोदी ने भी उनको आशीर्वाद दिया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. पूरी दुनिया हैरान है कि पापुआ न्यू गिनी, भारत के इतने करीब कैसे आ गया है और भारत भी द्वीपों के समूह वाले इस छोटे से देश को इतना भाव क्यों दे रहा है? तो जान लीजिए भारत और पापुआ न्यू गिनी का करीब आना क्वाड की रणनीति का अहम हिस्सा है. चीन की चालबाजी को जवाब है. ड्रैगन के खिलाफ खास रणनीति है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.


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चीन के खिलाफ रणनीति


बता दें कि पापुआ न्यू गिनी हिंद-प्रशांत महासागर में स्थित है और ये ऑस्ट्रेलिया के पास है. लेकिन चीन की इस क्षेत्र पर गंदी नजर है. चीन चाहता है कि वह पापुआ न्यू गिनी के द्वीपों पर कब्जा कर सके. वहां की जमीन का इस्तेमाल करके अपनी धाक हिंद-प्रशांत महासागर के क्षेत्र में जमा सके. इतना ही नहीं अगर चीन पापुआ न्यू गिनी में मजबूत हो जाता है तो वह ऑस्ट्रेलिया को भी आसानी से घेर सकता है. ऑस्ट्रेलिया क्वाड ग्रुप का हिस्सा है इसलिए चीन, ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़े ये सभी क्वाड देशों यानी भारत, अमेरिका, जापाना और ऑस्ट्रेलिया के हित में नहीं है.


क्वाड देशों को क्यों खटकता है चीन?


दूसरी अहम बात ये है कि चीन लंबे समय से मुक्त व्यापार का विरोधी है. साउथ चाइना सी में वह मुक्त व्यापार की खिलाफत करता रहा है. ऐसे में ये भी अंदेश है कि अगर चीन हिंद-प्रशांत सागर में पापुआ न्यू गिनी के जरिए मजबूत होता है तो वह समुद्र के जरिए होने व्यापार पर पाबंदी लगा सकता है. और तब क्वाड देश और चीन एक-दूसरे के सामने आ सकते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए भारत समेत सभी देश क्वाड देश चाहते हैं कि चीन हिंद-प्रशांत में मजबूत ना हो.


PNG के संसाधनों पर ड्रैगन की बुरी नजर


ये भी जान लीजिए कि पापुआ न्यू गिनी, चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है. पापुआ न्यू गिनी में बड़ा निवेश करके चीन उसके संसाधनों जैसे सोना और तांबा आदि पर नजर गढ़ाए हुए है. आखिरी बार जब चीन के राष्ट्रपति और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई थी तब ड्रैगन ने कई बड़े वादे किए थे. हालांकि, चीन इससे पहले कर्ज का जाल बिछाकर श्रीलंका जैसे कई देशों के फंसा चुका है, ये बात किसी से छिपी नहीं है. भारत समेत सभी क्वाड देश यही चाहते हैं कि चीन के कर्ज जाल में और देश ना फंसे और इससे ड्रैगन मजबूत होकर वर्ल्ड ऑर्डर के लिए खतरा ना बने.


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