DNA: कनाडा ने आखिरकार मान लिया, खालिस्तानियों की शरणस्थली बना उनका देश; रोजाना एक आतंकी को दे रहा शरण
DNA on Canada Immigration Policy: दुनिया को लोकतंत्र का लेक्चर देने वाला कनाडा खालिस्तानी आतंकियों की शरणस्थली बन चुका है. वह रोजाना एक आतंकी को अपने यहां शरण दे रहा है. इस बात को अब उसने भी दबे-छुपे ही सही लेकिन कबूल कर लिया है.
Zee News DNA on Canada Immigration Policy: कनाडा का दोहरा चरित्र सामने आया है, कनाडा एक ऐसा देश बनता जा रहा है, जिसे सीधे सादे हिंदुस्तानी नहीं, बल्कि पक्के हिंसक खालिस्तानी चाहिए. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि हमारे पास कुछ ऐसे दस्तावेज़ हैं, जिनमें कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है, कि वो खालिस्तानी आतंकियों को अपने यहां शरण देता है. इसके अलावा कनाडा भारत और भारतीय विरोधी होता जा रहा है. उसने अपने Immigration नियमों में कुछ ऐसे बदलाव किए है, जिसकी वजह से वहां काम करने वाले सैकड़ों भारतीयों को मजबूरी में वापस भारत लौटना होगा.
कनाडा ने बदली अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी
भारत के प्रति कनाडा की असली मानसिकता क्या है. ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं. कनाडा की भारत विरोधी सोच का उदाहरण है खालिस्तानी आतंकियों को शरण देना और भारतीय विरोधी सोच का उदाहरण है. Immigration Policy बदलकर कामकाजी भारतीयों को वापस भेजना. हम आपको कनाडा के खालिस्तान प्रेम से जुड़े सबूत बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको कनाडा में हो रहे एक प्रदर्शन के बारे में बताना चाहते हैं.
Prince Edward आईलैंड और मोंटरियाल में अप्रवासी भारतीय, सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ये वो लोग हैं, जो पढ़ाई करने या काम करने के मकसद से, कनाडा में रह रहे थे. कुछ दिन पहले कनाडा के कई राज्यों ने अपनी Immigration Policy में कुछ खास बदलाव किए. Immigration Policy में हुए बदलाव की वजह से, इन भारतीयों पर Deportation की तलवार लटकी हुई है. ये लोग अब कनाडा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
करीब 2 हजार भारतीयों को होगा नुकसान
कनाडा के जिन राज्यों ने Immigration Policy मे बदलाव किया है, उनका कहना है कि उनके यहां जरूरी संसाधनों की कमी है. इसीलिए 25 प्रतिशत अप्रवासियों का Work Permit आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. इस फैसले से करीब 2000 भारतीयों को नुकसान होगा.
Canada ने अपनी Immigration Policy तो बदल दी है, लेकिन उसकी Khalistani First Policy में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कनाडा पिछले कई वर्षों से एक अलिखित Khalistani First Policy पर चल रहा है. जिसके तहत वो भारत के विरोधियों के प्रति नर्म रुख अपनाता है. वो उन भारतीयों को वापस भेजना चाहता है, जो कनाडा में नियमों का पालन करते हैं. लेकिन उन लोगों को शरण देता है, जो भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकी है.
कनाडा में मौज उड़ा रहे खालिस्तानी
Immigration Policy में हुए बदलाव सच्चे,सीधे और कामकाजी भारतीयों को नुकसान होगा. लेकिन Khalistani First Policy का फायदा भारत विरोधी आतंकियों को लगातार मिल रहा है. कनाडा के संसाधनों पर खालिस्तानी आतंकी मौज उड़ाते हैं. और इस पर जब सवाल उठते हैं तो कनाडा सरकार चुप हो जाती है. पहली बार कनाडा सरकार के Immigration & Refugee Board ने हमें कुछ ऐसी जानकारियां दी हैं, जिससे कनाडा सरकार का खालिस्तान प्रेम उजागर हो गया है. हमने उनसे आतंकियों को शरण देने से जुड़ा एक डेटा मांगा था.
रोज एक खालिस्तानी को शरण दे रहा कनाडा
उन्होंने एक ईमेल के जरिए हमें बताया कि वर्ष 2023 से लेकर मार्च 2024 तक, कनाडा ने 442 खालिस्तानी आतंकियों को अपने यहां शरण दी है. उसकी इस सूची को अगर आप देखें तो उन्होंने आतंकियों की दो श्रेणियां बनाई हैं, जिनमें एक है सामान्य आतंकी, और दूसरा है खालिस्तानी आतंकी. वर्ष 2023 में कुल 364 खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा ने शरण दी थी. इस वर्ष मार्च महीने तक कनाडा, 78 खालिस्तानी आतंकियों को शरण दे चुका है.
यानी कनाडा, एक तरह से खालिस्तानी आतंकियों को शरणस्थली बना हुआ है. कनाडा की स्थिति ये है कि अगर कोई व्यक्ति भारत विरोधी बातें करें और खुद को खालिस्तानी आतंकी बता दे, तो कनाडा उसे अपना नागरिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. एक तरह से देखा जाए तो कनाडा, संसाधनों की कमी बताकर, सच्चे हिंदुस्तानियों को भारत वापस भेजना चाहता है, लेकिन पिछले दो वर्षों से हर दिन करीब 1 खालिस्तानी आतंकी को अपने यहां शरण दे रहा है. क्या भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा के संसाधनों का इस्तेमाल करने की छूट है?
निज्जर हत्याकांड से देशों के संबंधों में तनाव
कनाडा और वहां की Justin Trudeau सरकार, खालिस्तानी आतंकियों को हर स्तर पर मदद देती है. आपको याद होगा पिछले वर्ष जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी. इस हत्या को लेकर कनाडा की Justin Trudeau सरकार ने भारत पर हत्या करवाने के आरोप लगा दिए थे. लेकिन कुछ दिन पहले कनाडा पुलिस की जांच में पता चला कि ये हत्या, गैंगवॉर का नतीजा थी. इस घटना ने कनाडा सरकार की भारत विरोधी मानसिकता का परिचय दिया था.