नई दिल्ली: Basant Panchami 2024: नए साल की शुरुआत के साथ ही त्योहारों की भी शुरुआत हो गई है. मकर संक्रांति और लोहड़ी के बाद अब बसंत पंचमी आने वाली है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा होती है. खासकर स्कूल-कॉलेजों में देवी सरस्वती को पूजा जाता है, क्योंकि उन्हें विद्या की देवी भी कहा जाता है. सरस्वती को कला, संगीत और बुद्धि की देवी भी माना जाता है. 


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कब है बसंत पंचमी?
हिंदू पंचांग की मानें तो इस साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे से 14 फरवरी दोपहर 12:09 बजे तक बसंत पंचमी होगी. 14 फरवरी को ही बसंत पंचमी मनाई जाएगी. इसी दिन मां सरस्वती की पूजा भी की जाएगी.


बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा होती है. 14 फरवरी को सुबह 7 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक मां सरस्वती की पूजा होगी. शुभ मुहूर्त की अवधि 5 घंटे 35 मिनट तक रहेगी. 


बसंत पंचमी का क्या महत्व 
पौराणिक कथाओं की मानें तो देवी सरस्वती भगवान श्रीकृष्ण ने एक वरदान दिया था. वरदान में कहा गया कि विद्या पाने की इच्छा रखने वाले माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती की पूजा करेंगे. बसंत पंचमी की महत्ता इतनी है कि कई जगहों पर इस दिन छोटे बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाते हैं. 


ठंड की विदाई


बसंत पंचमी को ठंड की विदाई के तौर पर भी देखा जाता है. बसंत पंचमी आने से साल के सबसे सुंदर और सुहावने मौसम यानी बसंत की शुरुआत होती है. यही कारण है कि बसंत पंचमी के आने पर ठंड के जाने का संकेत मिलता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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