Bhadra Purnima 2022: आज चंद्रदेव को ऐसे करें प्रसन्न, मां लक्ष्मी करती हैं धन वर्षा

भविष्य पुराण के अनुसार उमा महेश्वर व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है, लेकिन नारद पुराण के अनुसार यह व्रत भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. शास्त्रों में भाद्र पूर्णिमा का लाभ उठाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके करने से घर में सुख-शांति के अलावा सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2022, 07:47 AM IST
  • ये है भाद्र पद व्रत पूजा-विधि
  • चंद्रदेव को करें प्रसन्न
Bhadra Purnima 2022: आज चंद्रदेव को ऐसे करें प्रसन्न, मां लक्ष्मी करती हैं धन वर्षा

नई दिल्ली: सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन व्रत कर चंद्रदेव की आराधना करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं.
इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने का भी विशेष विधान है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से सभी कष्टों का निवारण होता है. वहीं नारद पुराण के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा के दिन उमा महेश्वर व्रत किया जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है. इस पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन के बाद से पितृ पक्ष यानी श्राद्ध शुरू हो जाते हैं, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है.

उमा-महेश्वर व्रत का महत्व

भविष्य पुराण के अनुसार उमा महेश्वर व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है, लेकिन नारद पुराण के अनुसार यह व्रत भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.यह व्रत स्त्रियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस व्रत के प्रभाव से बुद्धिमान संतान, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

शास्त्रों में भाद्र पूर्णिमा का लाभ उठाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके करने से घर में सुख-शांति के अलावा सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है

ये है भाद्र पद व्रत पूजा-विधि

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं. 
नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें. 
नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है.
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें.
भगवान विष्णु को भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें.
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें.
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है.
चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें.
चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें.
अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं. गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

चंद्रदेव को करें प्रसन्न 
पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रोदय होने पर जल में कच्चा दूध, चावल और चीनी मिला लें और ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः चन्द्रमसे नमः मंत्र का जप करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें. ऐसा करने से धन संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

चंद्रमा और मां लक्ष्मी के लिए करें ये उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है तथा सर्वाधिक फल प्रदान करने वाला होता है. पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा के पूजन का विधान है. पूर्णिमा पर चंद्रमा का पूजन विशेष फलदायी है.
आइए जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा पर किए जाने वाले उन उपायों के बारे में जिनको करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी...
1- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध और चीनी के मिश्रण या दूध की खीर का अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से चंद्रमा सुख, सौभाग्य और निरोगी काया प्रदान करते हैं.
2- पूर्णिमा के दिन सफेद रंग की वस्तुओं दूध, सफेद मिठाई, चांदी या सफेद वस्त्र का दान करने से धन, धान्य की प्राप्ति होती है.
3- पूर्णिमा के दिन चांदी का चौकोर टुकड़ा माता लक्ष्मी को अर्पित कर के अपनी पर्स में रख ले. ऐसा करने से धन लाभ होता है तथा आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
4- धन की प्राप्ति के लिए भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन सांय काल में लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करना चाहिए और घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
5- मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी पीपल के पेड़ पर वास करती हैं. इसलिए पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ा कर उसके समीप दिया जलाना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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