Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आयेगी मां दुर्गा, जानें वाहन का प्रभाव

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है. इस साल इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से प्रारंभ हो रहे हैं, जिसका समापन 17 अप्रैल होगा. 

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Mar 29, 2024, 10:46 AM IST
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आयेगी मां दुर्गा, जानें वाहन का प्रभाव

नई दिल्ली: Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही ज्यादा पावन और पवित्र माना जाता है. ये पर्व देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के भक्त व्रत रखते हैं और विधि पूर्वक उनकी पूजा करते हैं. चैत्र नवरात्रि से ही नया हिंदू वर्ष प्रारंभ हो जाता है. चैत्र नवरात्रि में अबकी बार खास बात ये है कि चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. वैसे तो साल में चार नवरात्रि तिथियां होती हैं, लेकिन इनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को प्रमुख माना जाता है. चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है.  साल 2024 का चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरु हो रहा हैं, जिसका समापन 17 अप्रैल होगा. 

संवत का आरंभ में चैत्र नवरात्रि
9 अप्रैल को कालयुक्त नामक संवत भी शुरू होगा. इस साल चैत्र नवरात्रि पर माता का वाहन घोड़े होगा. घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है. पूरे साल चार नवरात्रि आती है जिनमें आश्विन और चैत्र मास की नवरात्रि सबसे ज्यादा समाज में प्रचलित है. कहा जाता है कि सतयुग में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और प्रचलित चैत्र नवरात्रि थी, इसी दिन से युग का आरंभ भी माना जाता है. इसलिए संवत का आरंभ में चैत्र नवरात्रि से ही होता है. 

देवी मां दुर्गा के वाहन का प्रभाव
मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है. हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं. यानी माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं.  माता दुर्गा आती भी वाहन से हैं और जाती भी वाहन से हैं. देवीभाग्वत पुराण में जिक्र किया गया है कि शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे. गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तित. इस श्लोक में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है. अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी. शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं. बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं. नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों और योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है. ठीक इसी प्रकार कलश स्थापन के दिन देवी किस वाहन पर विराजित होकर पृथ्वी लोक की तरफ आ रही हैं इसका भी मानव जीवन पर विशेष असर होता है.

घोड़े पर सवार होकर आयेगी मां दुर्गा 
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है. ये युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देता है. सत्ता में परिवर्तन होता है.
 
शुभ योग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 07:32 से हो रहा है. ये दोनों योग संध्याकाल 05:06 मिनट तक है.

चैत्र नवरात्रि  की तिथियां
9 अप्रैल - नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना
10 अप्रैल - नवरात्रि द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
11 अप्रैल - नवरात्रि तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
12 अप्रैल - नवरात्रि चतुर्थी- मां कुष्मांडा पूजा
13 अप्रैल - नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
14 अप्रैल - नवरात्रि षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
15 अप्रैल - नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
16 अप्रैल - नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी
17 अप्रैल - नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री , रामनवमी

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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