नई दिल्लीः आज 25 मार्च 2021 का दिन आपके लिए नया समय और नई शुरुआत लेकर आया है. श्रीविष्णु की पूजा से अपने दिन की शुरुआत करें तो आपका कल्याण होगा. आश्लेषा नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग है. आज दो तिथियां एक साथ है. एकादशी और द्वादशी तिथि का संयोग हो रहा है. इसके अलावा पंचांग में क्या है खास बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य-


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पंचांग
दिन- गुरुवार
महीना- फाल्गुन, कृष्ण पक्ष
तिथि- सुबह 09:47 एकादशी उसके बाद द्वादशी


नक्षत्र
आश्लेषा नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग है


शुभ मुहूर्त
सुबह 12:08 से 12:46 तक काम करना शुभ


राहुकाल
दोपहर 01:58 से 03:29 तक शुभ काम ना करें


होलाष्टक (Holashtak) की समय अवधि में व्यक्ति की सोचने समझने, निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है और यही वजह है कि, इस दौरान भगवान श्री कृष्ण और भगवान विष्णु के साथ-साथ हनुमान पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. आज गुरुवार (Thursday) भी है ऐसे में आज यानी की 25- मार्च के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा अर्चना करके आप अपने जीवन में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी सोचने समझने और निर्णय लेने की शक्ति को भी मजबूत कर सकते हैं. इनके साथ हनुमान जी की पूजा भी करें तो बल-बुद्धि बढ़ेगी. 


हनुमान जी की पूजा में ये करें उपाय
होलाष्टक (Holashtak) में हनुमान जी की पूजा में साफ़ सफाई के साथ-साथ व्यक्ति को ब्रह्माचार्य का पालन करना बेहद आवश्यक होता है. 
हनुमान भगवान की पूजा में तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर उससे लेप करें. साथ ही इस दिन की पूजा में केसर युक्त लाल चंदन का उपयोग करें.
हनुमान भगवान को चढ़ाया जाने वाला कोई भी भोग या प्रसाद हमेशा शुद्ध देसी घी में ही बनाएं. 
बजरंगबली को केवल लाल और पीले रंग के फूल ही अर्पित किये जाने चाहिए. आप चाहे तो गेंदा, सूरजमुखी और कमल के फूल पूजा में शामिल कर के अर्पित कर सकते हैं. 


होलाष्टक (Holashtak) के गुरुवार के उपाय
गुरुवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा अर्चना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए गुरुवार के दिन किसी को उधार देते वक़्त ख़ास सावधानी बरतें. धन का लेन-देन करने से गुरु कमजोर होता है और इससे आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है.
यदि आप गुरुवार का व्रत (Thursday Fast) रखते हैं तो, इस दिन सत्यनारायण की व्रत कथा ज़रुर सुनें.
बृहस्पति देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, इस दिन खासतौर से बृहस्पति देव की प्रतिमा को विधि-विधान के साथ किसी पीले वस्त्र पर स्थापित कर, चंदन और पीले फूल से उनकी पूजा अर्चना करें.