Jyotish Upay: दुकान या ऑफिस का वास्तु दोष कैसे करें दूर? यहां मिलेंगे आसान उपाय
Jyotish Upay Vastu Dosh: अगर कार्यस्थल वास्तु के अनुरूप नहीं होती तो बहुत सी समस्या लाती है. मुनाफा तो दूर सर पर कर्जे का बोझ लड़ जाता है. इसलिए कारोबार न चलने का प्रमुख कारण व्यापारिक स्थल का वास्तु दोष भी हो सकता है.
नई दिल्ली: Vastu Dosh Upay: आज के समय में लाखों करोड़ों लोग अपनी आजीविका के लिए शॉप, आफिस, शो रूम में काम करते है. कुछ लोग तो अच्छा मुनाफा कमाते है तो कही किसी न किसी परेशानी से जूझते रहते उनकी दुकान पर ग्राहक कम मुसीबत ज्यादा आती है. ऐसा नहीं की वे लोग मेहनत नहीं करते है. फिर भी ऐसा क्या होता है जो दुकान हर कोशिश की बाद भी नहीं चलती.
कार्यस्थल का वास्तु दोष दूर करना बेहद आवश्यक
ध्यान रहे कि आपके कार्य / व्यापार पर आपके पूरे परिवार का भविष्य निर्भर होता है. अतः यदि आपकी दुकान में वास्तु दोष है तो उसे अवश्य ही दूर करें.
विशेषकर कार्यस्थल के लिए ही कुछ वास्तु सम्मत उपाय बताते हैं. इन उपायों से व्यापारिक प्रतिष्ठान के दोष का पता लगाकर उनका निवारण कर आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त कर पाएंगे.
दुकान का वास्तु दोष दूर करने के कुछ सरल उपाय
- नई दुकान की शुरुआत करते समय हमेशा ध्यान रखें कि मुख्य दरवाजा / प्रवेश द्वार उत्तर पूर्व की ओर हो.
- मालिक या दुकानदार को उत्तर दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए. क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर भगवान की दिशा है. इसलिए इस दिशा में मुंह करके बैठने से व्यापर अवश्य ही लाभ होता है. साथ ही उत्तर दिशा कि तरफ मुंह करके बैठने से दिमाग एक्टिव रहता है.
- ग्राहक से आपका प्रभाव ज्यादा पड़ता है. गल्ला या कैश बॉक्स और जरूरी कागजात, बैंक के चेक बुक, बिल आदि को दाहिनी और रखना लाभकारी रहता है. ऐसा करने से लाभ के साथ समाज में आपकी मान प्रतिष्ठा में भी बढ़ोत्तरी होती रहती है.
- इस बात का हमेशा ध्यान रखे की कैश काउंटर, मालिक या मैनेजर के बैठने के स्थान के ऊपर किसी भी प्रकार की बीम नहीं होनी चाहिए. यदि है तो इसका उपाय उस पर टाइल्स, या फॉल सीलिंग लगवा कर कर सकते है. साथ ही एक बांसुरी को कलावा या लाल कपडे से बांध कर लटका दें.
- दरवाजों की व्यवस्था इस प्रकार करे की जब भी कोई द्वार खोले तो वह अंदर की तरफ ही खुले.
- दुकान के अंदर सामान को बेचने या दिखाने वाले सेल्समेन का मुंह हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए.
- पूजा स्थान या मंदिर को ईशान कोण या पूर्व दिशा में बनाना चाहिए. अगर मंदिर नहीं है तो उस स्थान को हमेशा साफ सुथरा और खाली रखें.
- पानी/ जल की व्यवस्था भी ईशान कोण या पूर्व दिशा में करनी चाहिए.
- दुकान के अंदर स्टोर रूम को पश्चिम दिशा, नेत्रत्य अथवा दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए. किसी भी प्रकार के भरी सामान, या माल का स्टॉक यही रखने की कोशिश करें.
- दुकान के अंदर ग्राहकों के अंदर आने जाने की व्यवस्था हमेशा पूर्व दिशा अथवा उत्तर दिशा की करें. यानी वह जगह हमेशा खाली रखें.
अगर कार्यस्थल वास्तु के अनुरूप नहीं होती तो बहुत सी समस्या लाती है. मुनाफा तो दूर सर पर कर्जे का बोझ लड़ जाता है. इसलिए कारोबार न चलने का प्रमुख कारण व्यापारिक स्थल का वास्तु दोष भी हो सकता है. इसलिए नये कारोबार की शुरुआत करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की उसकी वास्तु सम्मत है अथवा नहीं, अगर नहीं तो उसमें कितना सुधार किया जा सकता है. आप इन उपायों को अपनाकर अपने जीवन में सुख समृद्धि ला सकते हैं.
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