Jyotish Upay: क्या आपकी कुंडली में भी है ये दोष, तो चल रहा है आपका बुरा समय

Jyotish Upay: अगर कुंडली में इनमें से एक भी दोष है तो ज्योतिष के अनुसार आपका बुरा समय चल रहा है. आचार्य विक्रमादित्य आपको इन दोषों के बारे में सारी जानकारी दे रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 18, 2022, 06:25 AM IST
  • कुंडली में शनि दोष को बहुत ही अशुभ
  • राहु-केतु के कारण बनता है कालसर्प दोष
Jyotish Upay: क्या आपकी कुंडली में भी है ये दोष, तो चल रहा है आपका बुरा समय

नई दिल्ली: Jyotish Upay: आपके जीवन में सबकुछ कैसा चल रहा है? ये जानने के लिए ज्योतिष विज्ञान का सहारा लिया जाता है. लेकिन अगर कुंडली में इनमें से एक भी दोष है तो ज्योतिष के अनुसार आपका बुरा समय चल रहा है. आपको इन दोषों के बारे में सारी जानकारी दे देते हैं.

शनि दोष
कुंडली में शनि दोष को बहुत ही अशुभ दोष माना जाता है शनि दोष होने पर व्यक्ति को समाज में अपमान होना पड़ता है. शनि दोष होने पर अपयश, नौकरी और व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है.

मांगलिक दोष
जब कुंडली में लग्न भाव, चौथे भाव,सातवें भाव, आठवें और दसवें भाव में मंगल स्थित होता है तब कुंडली में मंगल दोष बनता है. मंगल दोष से व्यक्ति को विवाह संबंधी परेशानियां, रक्त संबंधी बीमारियों और भूमि-भवन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.

कालसर्प दोष
राहु-केतु के कारण कालसर्प दोष बनता है. कुंडली में कालसर्प दोष बनने पर जातक को संतान और धन संबंधी परेशानियां आने लगती है और जीवन में उतार-चढ़ाव आता है.

प्रेत दोष
कुंडली में प्रथम भाव में चन्द्र के साथ राहु की युति होने पर एवं पंचम और नवम भाव में कोई क्रूर ग्रह स्थित हो तो उस जातक पर भूत-प्रेत, पिशाच या बुरी आत्माओं का प्रभाव रहता है.

पितृदोष
कुंडली में पितृ दोष तब होता है जब सूर्य, चन्द्र, राहु या शनि में दो कोई दो एक ही घर में मौजूद हो. पितृदोष होने पर संतान से संबंधी तमाम तरह की परेशानी आती है. मान्यता के अनुसार पितरों का दाह-संकार सही ढ़ग से ना होने पर पितर नाराज रहते हैं जिसके कारण जातक को परेशानी झेलनी पड़ती है.

चाण्डाल दोष
जातक की कुंडली में गुरु-राहू की युति होने पर चाण्डाल दोष का निर्णाण होता है. यह दोष होने पर व्यक्ति बुरी संगत का शिकार होने लगता है.

ग्रहण दोष
यह दोष तब बनता है जब सूर्य या चन्द्रमा की युति राहु या केतु से होता है. ग्रहण दोष होने पर व्यक्ति को हमेशा डर बना रहता है. इस दोष से ग्रसित व्यक्ति हमेशा अपने काम को अधूरा छोड़ देता है फिर नए काम के बारे में सोचने लगता है.

अमावस्या दोष
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को कुंडली बनाते समय बहुत ध्यान दिया जाता है. चन्द्रमा को मन का कारक माना जाता है. सूर्य और चन्द्रमा जब दोनों एक ही घर मे होते है तो अमावस्या दोष बनता है. कुंडली में यह दोष बनने पर उस जातक की कुंडली में चन्द्रमा क्षीण और प्रभावहीन रहता है. अमावस्या दोष होने पर व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

केमद्रुम दोष
यह दोष चंद्रमा से संबंधित होता है. जब चंद्रमा आपकी कुंडली के जिस घर में हो तो उसके आगे और पीछे के घर में कोई ग्रह.

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