Kundali: इन पुरुषों के शादी के बाद होते हैं अवैध संबंध, जल्दी शांत नहीं होती है वासना

अवैध संबंध का सीधा अर्थ यौन इच्छा से है. पार्टनर से प्यार, मान और सम्मान न मिलने के कारण भी कई स्त्री या पुरुष किसी अन्य का साथ चाहते हैं, ताकि वे अपने मन में दबी भावनाओं को प्रकट कर सकें. इसी अवसर का लाभ उठाकर कई दुष्ट प्रवृत्ति के लोग उनसे अवैध संबंध बना लेते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 1, 2022, 08:34 PM IST
  • एक-दूसरे की भावना को समझना जरूरी
  • शुद्ध प्रेम कामवासना पर पा लेता है विजय
Kundali: इन पुरुषों के शादी के बाद होते हैं अवैध संबंध, जल्दी शांत नहीं होती है वासना

नई दिल्लीः अवैध संबंध का सीधा अर्थ यौन इच्छा से है. पार्टनर से प्यार, मान और सम्मान न मिलने के कारण भी कई स्त्री या पुरुष किसी अन्य का साथ चाहते हैं, ताकि वे अपने मन में दबी भावनाओं को प्रकट कर सकें. इसी अवसर का लाभ उठाकर कई दुष्ट प्रवृत्ति के लोग उनसे अवैध संबंध बना लेते हैं.

एक-दूसरे की भावना को समझना जरूरी
कामवासना भी शरीर और जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है. इसकी तृप्ति करना जरूरी है, लेकिन वासना की तृप्ति के साथ प्रेम का रस मिला देने से वो श्योगश् बनता है. इससे सृष्टि का निर्माण होता है इसलिए पति व पत्नी दोनों को अपने जीवनसाथी के साथ दाम्पत्य जीवन में वासना के साथ प्रेम का निर्माण भी करना चाहिए. एक-दूसरे की वेदना और भावना को समझना चाहिए . 

शुद्ध प्रेम कामवासना पर पा लेता है विजय
पति अथवा पत्नी दोनों में से कोई भी एक यौनक्रिया में सफल ना भी हो तो भी अगर दोनों में प्रेम है तो उनका शुद्ध प्रेम कामवासना पर विजय प्राप्त कर अवैध संबंध जैसे जहर पर अंकुश लगा सकता है.

यहां पर आचार्य विक्रमादित्य कुछ ऐसे ज्योतिषीय योग के बारे में बता रहे हैं, जिनके जन्म कुंडली में होने से जातक के अवैध संबंध और कामुक होने का संकेत मिलता है.

1. जन्म कुंडली में शनि और शुक्र की युति. विवाहित होते हुए भी स्त्री और पुरुष का अवैध संबंध बनता है.
2. पंचम भाव में शनि, शुक्र और मंगल की युति अवैध संबंध का निर्माण करती है.

3. मेष या वृश्चिक राशि में मंगल के साथ शुक्र के होने से पराई स्त्री से घनिष्ठता बनती है.
4. जन्म कुंडली में चंद्रमा से द्वितीय स्थान में शुक्र हो तो सुनफा योग बनता है. ऐसा जातक भौतिक सुखों की प्राप्ति करता है, उसका सौंदर्य आकर्षक होता है. अन्य स्त्रियों से शारीरिक संबंध की प्रबल संभवना होती है.

5. द्वितीय, छठे और सप्तम भाव के किसी भी स्वामी के साथ शुक्र की युति लग्न में होने से जातक का चरित्र संदेहास्पद होता है.
6. सूर्य और शुक्र की युति मीन लग्न में होने से जातक को अत्यंत कामुक बनाती है. उसका अवैध संबंध बनता है. ऐसे जातक की कामवासना की तृप्ति शीघ्र नहीं होती है.

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