Mrityu Panchak 2023: मृत्यु पंचक में भूलकर भी न करें ये काम, मृत्यु के सामान उठाना पड़ सकता है कष्ट

Mrityu Panchak 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृत्यु पंचक की अवधि में कुछ चीजों से बचना चाहिए. अगर इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 

Written by - Manish Pandey | Last Updated : May 14, 2023, 02:40 PM IST
  • मृत्यु पंचक में भूलकर भी न करें ये काम
  • मृत्यु के सामान उठाना पड़ सकता है कष्ट
Mrityu Panchak 2023: मृत्यु पंचक में भूलकर भी न करें ये काम, मृत्यु के सामान उठाना पड़ सकता है कष्ट

Mrityu Panchak 2023 हिंदू धर्म में पंचक को बेहद अशुभ माना जाता है. 13 मई से मृत्यु पंचक का कष्टकारी काल शुरू हो चुका है. इस दौरान लोगों को पंचक के पांच दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पांच नक्षत्रों के संयोजन को पंचक कहा जाता है.  इस अवधि के दौरान कई तरह के शुभ कामों को करने के लिए मना जाता है.

पंचक पांच नक्षत्रों के संयोजन से बनता है. ये पांच नक्षत्र धनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र हैं. रविवार को शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक, सोमवार को शुरू होने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार से शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक, शुक्रवार के दिन शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक और शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक का जाता है. 

कब समाप्त हो रहा मृत्यु पंचक?
हिंदू पंचांग के अनुसार मृत्यु पंचक 13 मई 2023, शनिवार को 12 बजकर 18 मिनट से शुरू हो चुका है और यह काल 17 मई 2023 को सुबह 7 बजकर 39 मिनट बुधवार को समाप्त होगा. 

मृत्यु पंचक और इसकी भयानक धारणा
शनिवार को पड़ने वाले पंचक काल को सबसे भयानक और अशुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान, व्यक्ति दुर्घटनाओं और दुर्भाग्य से पीड़ित हो सकता है. इस समय के दौरान नकारात्मक और हानिकारक स्थितियों के सामने आने की संभावना अधिक होती है. इसके अलावा जातक मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से कष्टदायक परिस्थितियों से भी गुजरता है. 

मृत्यु पंचक के दौरान न करें ये काम
मृत्यु पंचक की अवधि में घर की छत का निर्माण नहीं करना चाहिए. इस दौरान गद्दे और बिस्तर भी नहीं बनवाने चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को अशुभ फल की प्राप्ति होती है. पंचक की अवधि में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह दिशा मृत्यु के देवता यमराज से जुड़ी हुई है. यदि कोई इस दिशा की ओर यात्रा कर रहा है तो उसे भगवान हनुमान को कोई फल अर्पित करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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