नई दिल्ली: Rama Shyama Tulsi Difference: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही महत्व है. माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है वहां भगवान विष्णु वास करते हैं. ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. तुलसी दो प्रकार की होती है रामा और श्याम तुलसी. इन दोनों ही तुलसी का अलग-अलग महत्व है. घर में कौन-सी तुलसी लगानी चाहिए. आंगन में रामा या श्यामा तुलसी में से किसे लगाना शुभ है. आइए जानते हैंः
रामा और श्यामा तुलसी में अंतर
रामा तुलसी के पत्ते हरे रंग के होते हैं, जबकि श्यामा तुलसी के पत्ते गहरे हरे या बैंगनी रंग के होते हैं. रामा तुलसी के पत्तों का स्वाद मीठा होता है, जबकि श्यामा तुलसी के पत्तों का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है. रामा तुलसी में तीखी सुगंध होती है, जबकि श्याम तुलसी में थोड़ी मीठी सुगंध होती है. दोनों तुलसी में औषधीय गुण होते हैं.
रामा तुलसी और श्यामा तुलसी का महत्व
रामा तुलसी भगवान राम को प्रिय है, जबकि श्यामा तुलसी भगवान कृष्ण को प्रिय है. रामा तुलसी का उपयोग पूजा में अधिक होता है, जबकि श्यामा तुलसी का उपयोग औषधीय उद्देश्यों के लिए अधिक होता है. दोनों तुलसी घर में लगाना शुभ माना जाता है. रामा तुलसी घर में सुख-समृद्धि लाती है, जबकि श्यााम तुलसी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है. रविवार, सोमवार, बुधवार और ग्रहण के दिन तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए.
किस दिशा में लगाएं रामा तुलसी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रामा तुलसी को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए. दरअसल इस दिशाओं में देवताओं का वास माना जाता है. उत्तर दिशा में कुबेर देव का वास होता है. ऐसे में तुलसी को लगाते वक्त इन दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस दिशाओं में तुलसी को लगाने से घर में धन आता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)