Shardiya Navratri 2024 Day 5: नवरात्र का पांचवा दिन आज, ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

Shardiya Navratri 2024 Day 5: आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की अराधना की जाती है. माता के इस रूप की चार भुजाए हैं. इनमें से 2 हाथों में माता ने कमल का फूल पकड़ा है और 1 हाथ में बालरूप में स्कंदजी बैठे हैं और एक हाथ में माता ने तीर को संभाला है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 7, 2024, 07:05 AM IST
  • आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है
  • मां स्कंदमाता की अराधना की जाती है
Shardiya Navratri 2024 Day 5: नवरात्र का पांचवा दिन आज, ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

नई दिल्ली: Shardiya Navratri 2024 Day 5: आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की अराधना की जाती है. माता के इस रूप की चार भुजाए हैं. इनमें से 2 हाथों में माता ने कमल का फूल पकड़ा है और 1 हाथ में बालरूप में स्कंदजी बैठे हैं और एक हाथ में माता ने तीर को संभाला है. बता दें कि मां स्कंदमाता कमल के आसन में विराजमान रहती हैं. इसलिए उन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि मां स्कंदमाता की अराधना करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है. चलिए जानते हैं माता स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग और मंत्र. 

पूजा विधि (Maa Skandamata Puja Vidhi)

नवरात्रि के पांचवे दिन सबसे पहले स्नान कर साफ कपड़े पहन लें. 

अब घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की प्रतिमा स्थापित करें. 

मंदिर और माता की प्रतिमा में गंगाजल से शुद्धिकरण करें. 

एक कलश में पानी लेकर उसमें थोड़े सिक्के डालें और उसे चौकी पर रख लें. 

इसके बाद स्कंदमाता को रोली और कुमकुम लगाकर नैवेद्य अर्पित करें. 

अब धूप-दीपक से मां की आरती और मंत्र जाप करें. 

स्कंद माता को सफेद रंग बेहद प्रिय है. इसलिए माता को सफेद रंग के कपड़े पहनकर केले का भोग लगाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से मां हमेशा निरोगी रहने का आशीर्वाद देती हैं.

केले के अलावा माता को दूध और चावल से बनी खीर को भोग लगाएं. 

स्कंदमाता का मंत्र (Maa Skandamata Puja Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

स्कंदमाता की आरती (Maa Skandamata Aarti)

जय तेरी हो स्कंदमाता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू में

हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै

कई नामो से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा

कई शेहरो मै तेरा बसेरा

हर मंदिर मै तेरे नजारे

गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये

तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई

चमन की आस पुजाने आई

जय तेरी हो स्कंदमाता

स्कंदमाता की पूजा का महत्व (Maa Skandamata Significance)

स्कंदमाता की पूजा करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर होती है. 

माना जाता है कि माता की पूजा करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है. 

मां की कृपा से बुद्धि का विकास भी होता है और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

स्कंदमाता की पूजा करने से परिवार में भी शांति बनी रहती है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें. 

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