लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विभूति खण्ड थानाक्षेत्र के कठौता चौराहे पर गैंगस्टर अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड को राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई के चश्मे से देखा जा रहा है. अजीत सिंह यूपी के मऊ जिले के निवासी था, जो अपराध जगत के माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी था.


मुखबिरी के चलते हुई अजीत की हत्या


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मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के ज्येष्ठ प्रमुख रह चुके अजीत सिंह (Ajit Singh) को ये नहीं मालूम था कि उसकी हत्या के लिए सटीक मुखबिरी की जा रही है. अजीत पर 19 आपराधिक केस दर्ज थे, उसे तड़ीपार तक किया जा चुका था. अजीत ने अपनी धमक के बल पर चुनाव को अपने पाले में खींच लेता था. दरअसल, पिछली बार मुहम्मदाबाद की गोहना सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गई थी, ऐसे में अजीत सिंह ने अपनी करीबी महिला को ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ाया. अजीत ने करीबी मनभाती को प्रत्याशी बनाया और जीत हासिल की. उसका सारा कामकार अजीत ही देखता था.


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ऐसे ही एक चुनाव राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई वाला साबित हुआ. वर्चस्व की लड़ाई तो तब शुरू हुई जब माफिया ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह (Kuntu Singh) अपने राइट हैंड गैंगस्टर गिरधारी विश्वकर्मा को ब्लॉक प्रमुख बनवाना चाहता था. बता दें, गिरधारी विश्वकर्मा बनारस के चोलापुर थाना क्षेत्र का मूल निवासी था. गिरधारी को कुंटू ने भदीड़ से बीडीसी का चुनाव (BDC Election) लड़ायाा था, लेकिन अजीत ने अपनी करीबी को जिताकर कुंटू से दुश्मनी और गहरी कर ली थी.


बुलेट प्रूफ कार में चलता था अजीत सिंह


अजीत सिंह (Ajit Singh) हमेशा से अपनी सुरक्षा को लेकर चौकन्ना रहते थे. वो बुलेट प्रूफ गाड़ी (Bulletproof Car) में ही चलते था, लेकिन एक मुखबिरी के चलते उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. गैंगस्टर अजीत सिंह हत्याकांड में महिला मित्र पर मुखबिरी करने का शक है, वारदात के समय गाड़ी में अजीत के साथ उसकी मित्र संगीता सिंह मौजूद थी. लेकिन गोलीबारी के समय वो लड़की गाड़ी छोड़ भाग गई थी. पुलिस ने लड़की को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार लड़की का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है.


पूर्व विधायक की हत्या में था गवाह


इस हत्याकांड को आगामी पंचायत चुनाव और MLA चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. इसके पीछे राजनीतिक वर्चस्व और दबंगई की परतें खुल रही हैं. माना जा रहा है कि अजीत की हत्या की एक वजह ये भी हो सकती है कि वो आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू के हत्याकांड में गवाह थी, जो चार दिन बाद अदालत में गवाही देने वाला था. अजीत की हत्या के पीछे ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह का हाथ बताया जा रहा है. कुंटू सिंह पर ही पूर्व विधायक की हत्या का आरोप है, जो आजमगढ़ जेल में बंद है.


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जानकारी के अनुसार, कई साल पहले अजीत सिंह कुंटू सिंह का साथी था, लेकिन बाद में दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई. कुंटू ने अजीत को पूर्व विधायक सीपू की हत्या करने के लिए कहा था, जिसके लिए अजीत ने साफ मना कर दिया. इसी बीच पूर्व विधायक की हत्या कर दी गई और अजीत इस हत्याकांड में गवाह बन गया.


शराब कारोबार में भी अजीत सिंह की सक्रियता


अजीत एक हिस्ट्रीशीटर था, जो क्षेत्र पंचायत की राजनीति के अलावा शराब का कारोबार भी करता था. उसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा पाता था. मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली में उसके खिलाफ हत्या, लूट, छिनैती और मारपीट जैसे कई मामले दर्ज हैं. 


वहीं अगर ध्रुव सिंह कुंटू की बात करें तो पूर्व विधायक सीपू सिंह की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. कुंटू सिंह को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सूबे के टॉप 10 माफिया की सूची में शामिल किया है.वहीं  सीपू सिंह की पत्नी और सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से BSP विधायक वंदना सिंह ने CM से सुरक्षा को लेकर मुलाकात करने की बात कही है. आपको बता दें, अजीत सिंह को मुख्तार अंसारी के करीबियों के तौर पर भी जाना जाता था.


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