Badaun Rape Case: दर्द से चीखती रही महिला, दरिंदों ने गैंगरेप के बाद गुप्तांग में डाली रॉड

महिलाओं के जिस्म को नोंचने वाले भेड़ियों ने सारी हदें तोड़ दी है. बदायूं में इंसान की शक्ल में कुछ हैवानों ने एक महिला के साथ दरिंदगी को इस कदर अंजाम दिया, जिसके बारे में जानकर ही आपकी रूह कांप उठेगी..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 6, 2021, 03:56 PM IST
  • वो महिला चींखती रही, दरिंदे उसे नोंचते रहे
  • हैवानों ने गैंगरेप के बाद गुप्तांग में डाली रॉड
  • महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ ढकोसला..
  • महिलाओं से अत्याचार, सोती रही 'सरकार'
Badaun Rape Case: दर्द से चीखती रही महिला, दरिंदों ने गैंगरेप के बाद गुप्तांग में डाली रॉड

एक बार फिर उत्तर प्रदेश में इंसानियत का कत्ल कर दिया गया और दिनदहाड़े कुछ भेड़ियों ने एक महिला को अपनी हवस का शिकार बना डाला. इतना ही नहीं इस दरिंदों ने पहले तो महिला की इज्जत लूटी, इन वहशी भेड़ियों का इतने से ही मन नहीं भरा तो ऐसी दरिंदगी हरकत को अंजाम दिया, जिससे महिला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

बदायूं में महिला के साथ निर्भया जैसी हैवानियत

इस हैवानियत उत्तर प्रदेश के बदायूं (Badaun) जिले में अंजाम दिया गया. इंसानियत को झकझोरने वाली ये वारदात उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव की है. जहां 3 जनवरी को 50 वर्ष की महिला जो आंगनबाड़ी सहायिका थी, वो पूजा करने गई थी. कुछ जिस्म के भूखे भेड़ियों ने पहले उसकी अस्मत लूटी और फिर उसे बड़ी ही बेरहमी से मार डाला. इस वारदात को निर्भया जैसे अंजाम दिया गया.

दरिंदों ने पहले तो महिला के साथ गैंगरेप (Gangrape) किया फिर उसके गुप्तांग में रॉड जैसी कोई चीज डाल दी. महिला इस दर्द को सहन नहीं कर पाई और आखिरकार उसकी मौत हो गई. इस जुर्म को अंजाम देने वालों ने महिला की बाएं पैर, बाईं पसली और बाएं फेफड़े को वजनदार प्रहार से क्षतिग्रस्त कर दिया गया. महिला की हालत काफी गंभीर थी, उसकी मौत की वजह अधिक रक्तस्राव और सदमा लगना बताया जा रहा है. परिजनों के अपील पर पुलिस ने आरोपी महंत समेत उसके एक चेले व ड्राइवर के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस की पकड़ से दूर है एक आरोपी

एक आरोपी फिलहाल पुलिस (Police) की पकड़ से दूर है, आपको बता दें कि महिला एक मंदिर में हरदिन की तरह रविवार को भी पूजा करने गई थी. दर्ज मामले के अनुसार देर रात मंदिर का महंत अपनी बोलेरो से उसका शव घर के दरवाजे पर फेंककर चला गया. कहा तो ये भी जा रहा है कि इससे पहले वो महंत उस महिला को इलाज के लिए चंदौसी भी लेकर गया था. पुलिस ने तीन में से 2 आरोपी को कर लिया, जबकि गिरफ्तार 1 अभी भी फरार है.

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आरोपी बाबा सत्यनारायण, उसका चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ने दबिश देकर दो आरोपियों को दबोच लिया. इस मामले में SSP ने लापरवाह उघैती थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. आरोप है कि थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस के आलाधिकारियों को गुमराह किया था. पुलिस ने 44 घंटे बाद महिला के शव का पोस्टमार्टम कराया था.

पुलिस ने इस मामले में लापरवाही की हद पार कर दी, वो ये कहकर परिजनों को थाने के चक्कर कटवाती रही कि कुएं में गिरकर महिला की मौत हो गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस ये नारा देती है कि 'सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा'.. लेकिन आए दिन महिलाओं की अस्मत लुटने की खबरें आती हैं, योगी जी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं. लेकिन आए दिन महिलाओं के साथ हुई हैवानियत का खुलासा होता रहता है. योगी जी की पुलिस सो रही है क्या? ऐसा हम इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि सरकार और पुलिस की जवाबदेही तो बनती है और हम डंके की चोट पर ये सवाल पूछेंगे.

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महिला से दरिंदगी पर सियासत की एंट्री

उत्तर प्रदेश में हैवानों ने महिला की इज्जत लूटकर मौत के घाट उतार दिया गया, तो कांग्रेस की मैडम प्रियंका (Priyanka Gandhi Vadra) ने इसपर सियासत की शुरुआत कर दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'हाथरस में सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया. बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया. महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में  खोट है.'

प्रियंका का सवाल भी तो वही है, जो..

माना कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने सियासत चमकाने के लिए ट्वीट किया होगा, लेकिन इसमें गलत ही क्या है. कुछ साल पहले भाजपा भी तो यही करती थी. बदायूं में ही करीब 6 साल पहले दो बहनों का रेप करने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था. उन दोनों बहनों की लाश पेड़ से लटकी मिली थी, उस वक्त उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अखिलेश यादव की सरकार थी. वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस मामले में जमकर बवाल काटा था. प्रदर्शन किए गए थे, लेकिन आज जब योगी'राज' में महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है, दरिंदगी के बाद उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है तब जवाबदेही किसकी बनती है?

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बेटियों के साथ अत्याचार होता रहा, लेकिन योगी सरकार की पुलिस सोती रही. ऐसे में योगी सरकार से सवाल तो पूछा ही जाएगा. योगी सरकार में बैठे अधिकारियों को जवाब भी देना होगा, क्योंकि जिस मां की कोख से हम और आप पैदा होते हैं, जो बहन हमारी कलाई पर राखी बांधती है. उसी बेटी, बहन, मां.. महिलाओं के साथ गंदी हरकतों को अंजाम दिया जा रहा है. सवाल उनसे भी है, जो समाज में इंसानों की शक्ल में दरिंदें छिपे हुए हैं. क्या ऐसी करतूतों को अंजाम देते वक्त उन्हें अपने घर, मां, बहन, बेटी या पत्नी की याद नहीं आती. महिला के साथ हत्याचार करने वालों का हश्र भी उतना भयानक होता है, जो उन दरिंदों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. सुधर जाओ दरिंदों, कुछ तो करो सरकार, जागो...

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