सरकारी गाड़ियों का बिना रजिस्ट्रेशन इस्तेमाल कर रहा था अपराधी विकास दुबे
विकास दुबे नाम का अपराधी, जो कानून के साथ-साथ कई परिवारों का गुनहगार है, वो सरकारी गाड़ियों को धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहा था..
लखनऊ: कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का घर गिरा दिया गया है. घर गिराने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा लिया गया. यूपी पुलिस ने विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ने के लिए 100 टीम बनाई है. इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है.
बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही गाड़ी का कर रहा था इस्तेमाल
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने नीलामी में सरकारी नंबर वाली कार भी खरीदी थी. सबसे बड़ी बात ये कि वो बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही कार का इस्तेमाल भी कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे सरकारी नंबर वाली गाड़ी का इस्तेमाल कर रहा था.
दरअसल, विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर खड़ी मिली एंबेसडर कार से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई कि अभी तक इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था. यानी विकास दुबे बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही गाड़ी का प्रयोग कर रहा था. आपको बता दें कि 1 महीने के भीतर ही रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है.
तो सबसे बड़ा सवाल, क्यों नहीं करवाया रजिस्ट्रेशन?
घर में दो सरकारी नंबर की गाड़ियां मिली हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या और भी सरकारी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करवाए बिना ही विकास दुबे उसका इस्तेमाल करता था. सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि क्या बॉर्डर इलाके से भागने में सरकारी गाड़ी इस्तेमाल किया.
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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस मध्य प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंच गई है. पुलिस को आशंका है कि बदमाश बीहड़ में छिपे हो सकते हैं. यूपी पुलिस की 25 टीम इस इलाके में विकास दुबे को ढूंढ रही हैं. सिविल पुलिस के अलावा यूपी एसटीएफ भी कानपुर घटना के दोषियों की तलाश कर रही है.
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