आठवीं पास सलीम के चक्कर में फांसी के फंदे तक पहुंची पढ़ी-लिखी शबनम, 10 महीने के मासूम को भी नहीं था बख्शा

आजादी के बाद फांसी के फंदे पर लटकने जा रही पहली महिला शबनम ने मानवता की सारी हदें प्यार में पागल होकर पार कर दी थीं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 22, 2021, 11:07 PM IST
  • साल 2008 में शबनम ने की थी अपने परिवार वालो की नर्मम हत्या.
  • हत्या किए गए लोगों में 10 महीने का मासूम भतीजा भी था शामिल.
आठवीं पास सलीम के चक्कर में फांसी के फंदे तक पहुंची पढ़ी-लिखी शबनम, 10 महीने के मासूम को भी नहीं था बख्शा

नई दिल्ली: इश्क में लोग अंधे हो जाते हैं और उनकी अक्ल घास चरने चली जाती है और वो इसके जुनून में कुछ भी कर गुजरते हैं. ये बात सुनी तो थी लेकिन इसकी जीती जागती मिसाल शबनम के रूप में देखने को मिली है. जिसे जल्दी ही फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा और वो आजाद भारत में फांसी पर चढ़ाई जाने वाले देश की पहली महिला होगी. 

दो विषयों में एमए है शबनम

अमरोहा की रहने वाली शबनम के फांसी के तख्त तक पहुंचने की वजह परिवार के सदस्यों की बेरहमी से हत्या करना रहा है. दो विषयों में एमए शबनम का ताल्लुक एक पढ़े लिखे परिवार से था जबकि उसे आठवीं पास सलीम से प्रेम हो गया. परिवार वालों ने सलीम के साथ उसके रिश्तों का विरोध किया तो उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर 12 साल पहले परिवार के सात सदस्यों की निर्ममता से हत्या कर दी थी. 

पढ़ा लिखा था पूरा परिवार 

शबनम का ताल्लुक बेदह पढ़े लिखे और रसूखदार परिवार से था. उसके पिता सरकारी कॉलेज में लेक्चरार थे. भाई अनीस चंड़ीगढ़ में बतौर इंजीनियर काम करता था. माता-पिता सलीम के साथ उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में उसने अपने प्रेमी के साथ खूनी साजिश रचकर परिवार के सात लोगों की 15 अप्रैल 2008 को मौत के घाट उतार दिया था. 

प्रायमरी स्कूल में टीचर थी शबनम 

एमएस पास शबनम प्राइमरी स्कूल में टीचर के रूप में काम करती थी. उसे घर के सामने रहने वाले सलीम से प्यार हो गया था. घर वालों को दोनों के बीच संबंध के बारे में पता तब चला जब शबनम गर्भवती हो गई. ऐसे में परिवार का माहौल लगातार खराब होता गया और शबनम ने अपने परिवार वालों को रास्ते से हटाकर सलीम के साथ निकाह करने की योजना बनाई. 
 

कुल्हाड़ी से की थी परिवारवालों की हत्या

15 अप्रैल 2008 की रात को शबनम ने अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम यहां तक कि 10 महीने के भतीजे अर्श की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी. ये वाकया इतना दर्दनाक था कि इस बारे में सुनकर हर किसी की रूह कांप गई थी. सबसे ज्यादा दर्द लोगों को 10 महीने के मासूम अर्श की हत्या पर हुआ था.

जेल में दिया था बेटे ताज को जन्म

परिवार वालों की हत्या करने के बाद पुलिस ने शबनम को गिरफ्तार कर लिया था। इसके कुछ महीने बाद ही जेल में उसने एक बेटे को जन्म दिया था. जिसका नाम प्यार की निशानी माने जाने वाले ताजमहल की तरह ताज रखा था. शबनम का परिवार काफी रसूखदार था. परिवार के अन्य सभी सदस्यो की मौत के बाद शबनम पूरी संपत्ति की अकेली वारिस है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शबनम अपनी संपत्ति दान करने पर विचार कर रही है लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करती है तो उसे फांसी होने के बाद पूरी संपत्ति बेटे ताज की हो जाएगी.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़