नई दिल्ली. प्रजातंत्रिक व्यवस्था में टिकट बेचना एक बहुत घोषित भ्रष्टाचार है. लेकिन जब कोई पार्टी ऐसा भ्रष्टाचार करते पकड़ में आ जाती है तो सफाई करने के लिए झाड़ू उठा लेती है और जिसने आरोप लगाया उसकी भी और साथ ही साथ उस आरोप की भी अच्छी तरह से सफाई कर देती है. अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार आरोप के केंद्र में है. 



लगा उप-मुख्यमंत्री पर आरोप


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आम आदमी पार्टी के उप-मुख्यमंत्री भी अब बेदाग़ नहीं रहे. वे आरोप पर झाड़ू फेरें या न फेरें, जनता को तो समझ में आ ही गया है कि दूसरों पर आरोप लगाने वालों के खुद के गिरेबान साफ़ नहीं हैं. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में नंबर दो की कुर्सी पर बैठे हुए मनीष सिसौदिया पर आरोप है कि उन्होंने टिकट देने के बदले पैसों की मांग की.


आरोप लगाया है आम आदमी पार्टी के ही एमएलए ने 


ये आरोप आम आदमी पार्टी के बाहर से किसी ने नहीं लगाया है बल्कि पार्टी के ही कार्यकर्ता ने लगाया है. आरोप लगाने वाले बदरपुर के मौजूदा आम आदमी पार्टी विधायक एनडी शर्मा हैं. आप विधायक एनडी शर्मा के अनुसार मनीष सिसोदिया ने उनको अपने घर बुलाया था और सीट के बदले 10 करोड़ रुपए की मांग की थी. आप एमएलए का यह आरोप मज़ाक नहीं है बल्कि एक गंभीर प्रजातांत्रिक अपराध का आरोप है जो अपनेआप को सज्जन राजनीतिज्ञ बताने वाली आम आदमी पार्टी के उप-प्रमुख पर लगा है. अगर उप-प्रमुख खुल्ले आम इस तरह से टिकट बेच रहे हैं तो पार्टी के दूसरे नेताओं की क्या बात की जाए.



संजय सिंह की लीपापोती 


आम आदमी पार्टी के संजय सिंह लीपापोती मामले के विशेषज्ञ हैं. जब भी पार्टी की कलई खुलती है तो संजय सिंह को आगे कर दिया जाता है जो झाड़ू लेकर हर आरोप की सफाई कर देते हैं. इस मामले पर भी आम आदमी पार्टी  के सफाई-कर्मी संजय सिंह की सफाई है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलता है वो ऐसा ही आरोप लगाते हैं.


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