मुंबई. राहुल गाँधी अब शिवसेना के लिए परम-आदरणीय हो गए हैं और वह उनके खिलाफ एक शब्द सुनने को तैयार नहीं है. अगर किसी ने महाराष्ट्र में राहुल गाँधी के लिए कुछ भी कहा तो उसका वही हश्र होगा जो मुंबई यूनीवर्सिटी के डायरेक्टर का किया जा रहा है.
जबरिया छुट्टी के घाट उतारा गया
मुंबई युनीवर्सिटी के डायरेक्टर छुट्टी पर जा कर दुखी तो नहीं होंगे, ये बात पक्की है. क्योंकि ऐसी जगह कार्यरत होने का कोई लाभ नहीं जहां आपकी अभिव्यक्ति का मूल अधिकार भी आपसे छीन लिया जाए. मुंबई यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर योगेश सोमन ने गलती नहीं की थी जान कर किया था राहुल गांधी पर कमेंट. लेकिन ये भी तय है कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से ऐसी उम्मीद तो न रही होगी.
वीर सावरकर पर राहुल के बयान की निंदा की थी
योगेश सोमन का कसूर बस इतना था कि उन्हें राहुल का जो बयान पसंद नहीं आया उस पर अपना बयान दे दिया. कांग्रेस में तो ईशनिंदा पर कठोर दंड दिया जाता है लेकिन शिवसेना भी ऐसा दंड देने लगेगी -इसकी सपने में भी कल्पना नहीं थी योगेश सोमन को. राहुल गाँधी ने उन सावरकर पर उलटा-सीधा बोला जिनके नाम के सा से भी वे परिचित नहीं हैं. लेकिन इस पर प्रतिक्रिया करने का यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को भी कोई हक़ नहीं है क्योंकि वे महाराष्ट्र में बैठे हैं.
विश्वविद्यालय करेगा मामले की जांच
यूनिवर्सिटी ने भी अपने बचे-खुचे अधिकारों का इस्तेमाल करने की कोशिश की है और इस इस पूरे मामले की जांच का फैसला ले लिया है. जांच के लिए यूनिवर्सिटी ने एक कमेटी का भी गठन कर दिया है.
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