नई दिल्ली: Sucheta Kriplani दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. हॉट सीट नई दिल्ली से भाजपा ने दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है. इस सीट से सुचेता कृपलानी भी सांसद रह चुकी हैं. वे नई दिल्ली लोकसभा सीट की पहली महिला सांसद थीं. 


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बंगाली लड़की, पंजाब में पली, दिल्ली में पढ़ी
सुचेता का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ, पिता पंजाब में डॉक्टर थे. लिहाजा, वे पंजाब में ही पली बढीं. सुचेता दिल्ली के इंद्रप्रस्थ और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ीं. फिर नई दिल्ली लोकसभा सीट से मजदूर प्रजा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. 1952 में चुनाव जीतकर संसद पहुंची. 


गांधी भी थे प्रभावित
कहा जाता है कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी सुचेता के काम से प्रभावित थे. हालांकि, जब वे सांसद बनीं, तब तक गांधी जा चुके थे. दरअसल, भारत छोड़ो आंदोलन में सुचेता ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. वे एक साल तक जेल में भी रही थीं. सुचेता आजादी के बाद बनीं संविधान सभा का हिस्सा भी थीं. यहां वे महिला अधिकारों के लिए मुखर रहीं.


रखती थीं साइनाइड की गोलियां
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सुचेता ने अंडरग्राउंड वालंटियर फोर्स बनाई थी. इसमें महिलाओं को लाठी चलाना और सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाते थे. वेरिंदर ग्रोवर की किताब 'सुचेता अ ग्रेट वुमन' में लिखा है कि तब के जमाने में महिलाओं के लिए वो इलाका सेफ नहीं था, सुचेता जब भी नोआखली में महिलाओं के किसी ग्रुप के साथ चलतीं तो अपने साथ साइनाइड की गोलियां रखती थीं. ताकि कोई अनहोनी हो तो वे उसे खा लें.


फिर बनीं यूपी की CM
सुचेता कृपलानी की शादी जेबी कृपलानी से हुई थी. सुचेता साल 1963 में यूपी की मुख्यमंत्री भी बनीं. वे देश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद 1971 में सुचेता ने राजनीति से रिटायरमेंट ले लिया. साल 1974 में उनका निधन हो गया.


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