पटना: चुनाव आने से पहले ही सही आखिरकार नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों (Contract teachers) की मांग सुन ही ली. मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिए गए 28 फैसलों में कांट्रैक्ट टीचर्स की को भी राहत दी गई.  

नियोजित शिक्षकों को कई फायदे 
बिहार सरकार के नए प्रावधानों के तहत नियोजित शिक्षकों की सैलरी में 22 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई. इसके अलावा अब उनका ट्रांसफर बिहार के किसी भी जिले में हो पाएगा. इसके अलावा उनकी पदोन्नति के लिए संयुक्त सीमित परीक्षा आयोजित कराए जाने की भी योजना है. किसी भी आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में शिक्षकों के परिजनों को अब अनुकंपा के आधार पर नौकरी भी मिल पाएगी.
इसके लिए नई सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दे दी गई है.   
काफी समय से चल रही थी मांग 
बिहार में नियोजित शिक्षक लंबे समय से अपनी नौकरी को नियोजित किए जाने की मांग कर रहे थे. जिसके लिए कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया. अब लंबे समय बाद चुनाव से ठीक पहले सरकार ने नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है. शिक्षकों की अधिकतर मांगें सरकार ने स्वीकार कर ली हैं. 
इससे लगभग पौने चार(3.75) लाख शिक्षकों को सीधा फायदा मिलेगा. शिक्षकों को प्रोन्नति, स्वैच्छिक स्थानंतरण समेत कई सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा. 

अगले साल से मिलेगा लाभ 
नीतीश सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को अगले साल पहली अप्रैल से राहत देने का फैसला किया गया है. कैबिनेट के इस फैसले के बाद सरकारी खजाने से 2765 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता होगी. 
नए नियम इस प्रकार हैं-
- वरिष्ठता के आधार पर 15 से 22 प्रतिशत की वेतन वृद्धि. 
- शिक्षकों को मिलने वाले लाभ में ईपीएफ के तौर पर 12-12 फीसदी का अंश में से 12 फीसदी का दूसरा हिस्सा सरकार भरेगी. 
- स्थानान्तरण, प्रोमोशन समेत कई अन्य तरह की सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा. 
- नए प्रावधानों के मुताबिक बिहार के नियोजित शिक्षक किसी कोने में ट्रांसफर ले पाने में सक्षम होंगे. 
- संयुक्त सीमित परीक्षा के माध्यम से योग्यता की जांच के बाद पदोन्नति का लाभ मिलेगा. 
- सेवा काल में शिक्षक की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल पाएगी. 


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