रांची: झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी सीट से बीजेपी उम्मीदवार और राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गए हैं. उन्हें पूर्व मंत्री और निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने 15 हजार से ज्यादा मतों से हराया. अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार रघुवरदास चुनाव हारे हैं. रघुवर इससे पहले लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीते हैं.


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बागी नेता को हराकर पहली बार विधायक बने थे रघुवर


साल 1995 में रघुवर दास जिस नेता को जमशेदपुर से हराकर पहली बार विधायक बने थे वो दीनानाथ पांडे थे. दीनानाथ पांडे वहां के कद्दावर नेता थे लेकिन अहंकार और बुरे बर्ताव की वजह से उन्हें बीजेपी ने 1995 में टिकट देने से इनकार कर दिया और उनकी जगह रघुवर दास को मैदान में उतार दिया. इससे बुरी तरह नाराज होकर दीनानाथ पांडे बीजेपी उम्मीदवार रघुवार दास के खिलाफ उसी सीट से मैदान में उतर गए लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.


इस बार खुद बागी नेता से हारे


रघुवरदास इस बार खुद भी अपनी पार्टी के बागी नेता सरयू राय से हारे हैं.  पार्टी से बागी हुए नेता व पूर्व मंत्री सरयू राय ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्हें हार के मुंह में धकेल दिया. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सरयू राय की जीत बहुत अहम है क्योंकि सरयू राय भाजपा के वरिष्ठ नेता थे और रगुवर सरकार में मंत्री भी थे. माना जा रहा है कि रघुवरदास के कारण ही सरयू राय का टिकट काट दिया गया जिससे वो नाराज होकर रघुवर के खिलाफ ही चुनाव मैदान में डट गये.



1995 से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं रघुवर


रघुबर दास 1995 से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. इससे पहले वह एक भी चुनाव नहीं हारे. लेकिन पार्टी से बागी हुए नेता व पूर्व मंत्री सरयू राय ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्हें हार के मुंह में धकेल दिया. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सरयू राय की जीत एक बड़ी जीत मानी जा रही है.  सरयू राय जमशेदपुर वेस्ट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें यहां से टिकट देने से इनकार कर दिया जिसके बाद उन्होंने रघुबर दास की सीट जमशेदपुर ईस्ट से ही पर्चा दाखिल करने का फैसला किया. 


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