नई दिल्ली: Raebareli and Waynad: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ये चर्चा थी कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. लेकिन ऐन वक्त पर यहां से राहुल गांधी को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव जीत गए. इसके बाद ये कयास लगाए गए कि राहुल गांधी रायबरेली सीट छोड़ेंगे और वायनाड से सांसद रहेंगे. लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़कर रायबरेली से सांसद रहेंगे. प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ सकती हैं.


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दो सीटों से जीते थे राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे. वायनाड से उन्होंने 3.64 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. जबकि रायबरेली में उनकी जीत का अंतर 3.90 लाख वोटों का रहा. नियम ये कहता है कि जब कोई दो जगह से सांसद बन जाए तो उसे एक सीट खाली करनी पड़ती है. फिर वहां पर उपचुनाव होता है.


राहुल वायनाड छोड़ सकते हैं, रायबरेली क्यों नहीं?


1. पारंपरिक सीट: रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक लोकसभा सीट रही है. यहां से सोनिया गांधी से पहले फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और अरुण नेहरु सांसद रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सोनिया गांधी ने यहां के लोगों से कहा था कि मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं.


2. फिर जीतने पर आशंका: यदि राहुल गांधी रायबरेली सीट छोड़कर वायनाड से सांसद रहते हैं, तो रायबरेली में उपचुनाव होगा. ये हिंदी बेल्ट की सीट है, भाजपा का यूपी में मजबूत जनाधार है. इस सीट को जीतने के लिए भाजपा एड़ी-चोटी का जोर लगा देगी. यहां पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती. स्मृति ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल को कांग्रेस के गढ़ अमेठी में हराकर सबको चौंका दिया था, ऐसा रिस्क कांग्रेस फिर नहीं उठाना चाहती.


3. मोमेंटम टूट सकता है: रायबरेली में राहुल के चुनाव लड़ने के कारण कारण यूपी में सुस्त पड़ी कांग्रेस में एक नई ऊर्जा देखने को मिली है. रायबरेली से सटी हुई सीट अमेठी और बाराबंकी पर भी कांग्रेस जीती है. बाराबंकी से सटी सीतापुर में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत यूपी में 6.36% रहा, 2022 के विधानसभा चुनाव में ये 2.33% ही रहा. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में ये वोट प्रतिशत 9.4% रहा. कांग्रेस अपने इस मोमेंटम को नहीं तोड़ना चाहेगी. 


4. वायनाड ज्यादा सेफ: रायबरेली लोकसभा सीट पर आजादी के बाद कांग्रेस तीन बार चुनाव हारी. 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को चुनाव हराया. 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अशोक सिंह चुनाव जीते. दूसरी ओर, वायनाड में कांग्रेस आज तक नहीं हारी. 2009 में ही ये सीट बनी थी. कांग्रेस के लिए रायबरेली के मुकाबले वायनाड से उपचुनाव जीतना आसान माना जा रहा है. 


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