BSP का बिखरा कुनबा, रामवीर से पहले भी पार्टी छोड़ चुके हैं कई दिग्गज, कोई BJP, कोई कांग्रेस तो कोई SP में

नई दिल्ली. UP election 2022- बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले रामवीर उपाध्याय ने यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 17, 2022, 08:03 AM IST
  • मायावती का साथ बीते वर्षों में कई बड़े नेताओं ने छोड़ा है
  • स्वामी प्रसाद मौर्य भी लंबे समय तक बीएसपी में रहे
BSP का बिखरा कुनबा, रामवीर से पहले भी पार्टी छोड़ चुके हैं कई दिग्गज, कोई BJP, कोई कांग्रेस तो कोई SP में

नई दिल्ली. UP election 2022- बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले रामवीर उपाध्याय ने यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है. कहा जा रहा है कि रामवीर उपाध्याय के बीजेपी ज्वाइन करने के साथ ही हाथरस और उसके आस-पास के इलाकों में पार्टी ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेगी. यूपी के पूर्व ऊर्जा मंत्री रह चुके रामवीर उपाध्याय को मायावती का बेहद करीबी माना जाता था. लेकिन अब रामवीर कमल खिलाने का प्रयास करेंगे. 

रामवीर पहले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने बीएसपी को अलविदा कहा है. साल 2007 में ब्राह्मण-दलित सोशल इंजीनियरिंग कर पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल करने वाली मायावती का साथ बीते वर्षों में कई बड़े नेताओं ने छोड़ा है. इनमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी, कादिर राणा, ब्रजेश पाठक, मुकुल उपाध्याय जैसे नेता शामिल हैं. यही नहीं इस वक्त बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य भी लंबे समय तक बीएसपी के टिकट पर विधायक रहे. 

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लगाए थे गंभीर आरोप
इस वक्त कांग्रेस में मौजूद नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी मायावती के दाहिने हाथ माने जाते थे. नसीमुद्दीन उन नेताओं में थे जो शुरुआत से बीएसपी के साथ जुड़े रहे. 2017 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. पार्टी से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन ने खत लिखकर मायावती और सतीश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे. नसीमुद्दीन ने यहां तक कहा था कि मायावती के निर्देशों का पालन करते हुए वो अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं गए थे.

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कादिर राणा ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थामा

कुछ महीने पहले ही मुजफ्फनगर और पश्चिम यूपी के बड़े मुस्लिम नेता कादिर राणा ने भी बीएसपी छोड़ दी. अब वो समाजवादी पार्टी के साथ हैं. हालांकि 2009 में बसपा ज्वाइन करने के पहले कादिर राणा सपा और रालोद में रह चुके थे. लेकिन अपने इलाके में पकड़ के कारण उन्हें भी मायावती का नजदीकी कहा जाता था. 

ब्रजेश पाठक और स्वामी प्रसाद मौर्य 2016 में बीजेपी में हुए थे शामिल
बीएसपी के ब्राह्मण चेहरों में शुमार किए जाते रहे ब्रजेश पाठक ने भी साल 2016 में पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वो 2017 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर जीते और राज्य सरकार में मंत्री बने. साल 2004 में बीएसपी के साथ जुड़ने के बाद ब्रजेश पाठक लगातार पार्टी की बड़ी जिम्मेदारियां संभालते रहे. साल 2016 में ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी बीएसपी का साथ छोड़ा था. 

मुकुल उपाध्याय ने 2019 में ज्वाइन की थी बीजेपी
रामवीर उपाध्याय के भाई और पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय ने भी साल 2019 में बीजेपी का दामन थामा था. इसके अलावा भी कई अन्य नेता हैं जो बीएसपी छोड़कर अन्य पार्टियों में जा चुके हैं. साल 2007 से 2012 तक यूपी की सत्ता पर काबिज रही बीएसपी का कुनबा एक-एक कर बिखरता जा रहा है.

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