Dilip Kumar Death: क्या उस रात दिलीप कुमार ने सच में देखा था भूत?

Dilip Kumar Death: यह किस्सा फिल्म 'कोहिनूर' के शूट के दौरान का है. मशहूर निर्देशक एस यू सनी ने अपनी इस फिल्म में दिलीप कुमार को साइन किया था. आउटडोर शूट होना था और लोकेशन फाइनल करनी थी. लेकिन उस रात कुछ और ही घटना हुई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 7, 2021, 11:12 AM IST
  • यह किस्सा फिल्म 'कोहिनूर' के शूट के दौरान का है
  • 'द सब्सटेंस ऐंड द शैडो' किताब मे है इसका जिक्र
Dilip Kumar Death: क्या उस रात दिलीप कुमार ने सच में देखा था भूत?

नई दिल्लीः Dilip Kumar Death: दिलीप कुमार नहीं रहे. उन्होंने हिंदुजा अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. यहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद भर्ती कराया गया था. बीते एक महीने से उनकी लगातार खराब हो रही तबीयत जिंदगी के लिए संघर्ष बनी हुई थी, लेकिन मौत से जंग किसने ही जीती है. 98 साल की लंबी उम्र देख चुके इस शरीर से जब आत्मा अपने सफर पर निकल पड़ी है तो पीछे रह गई हैं कई कहानियां, कई किस्से और कई सुनी और अनसुनी बातें.

आज वही किस्से फिर से याद आ रहे हैं, जो कभी दिलीप कुमार ने किसी से मुंह जुबानी बयां किए, या फिर अपनी किताब  'द सब्सटेंस ऐंड द शैडो' के पन्नों पर उतार दिए. 

जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव वाली कहानी के बीच इन पन्नों में एक वाकया यह भी दर्ज है कि दिलीप साहब ने एक दफा भूत देख लिया था और उनकी हालत खराब हो गई थी. 

फिल्म 'कोहिनूर' के समय का वाकया

यह किस्सा फिल्म 'कोहिनूर' के शूट के दौरान का है. मशहूर निर्देशक एस यू सनी ने अपनी इस फिल्म में दिलीप कुमार को साइन किया था. आउटडोर शूट होना था और लोकेशन फाइनल करनी थी. बस फिर क्या था एक दिन शाम को लोकेशन की तलाश में दिलीप कुमार, एस यू सनी और कैमरामैन के साथ कार से नासिक की तरफ निकल पड़े.

तो क्या जादू करती थीं निर्देशक की पत्नी?

एस यू सनी की पत्नी ने साथ में चलने की जिद की. लेकिन कार में जगह नहीं थी तो सनी ने उन्हें इनकार कर दिया. दिलीप साहब को भी यह बात उन्होंने यारी-दोस्ती में बता दी. दिलीप साहब इस बारे में लिखते हैं कि निर्देशक एस यू सनी की पत्नी एक रहस्यमय महिला थीं. वह थोड़ा जादू-टोना करती थीं, जिसके बारे में सिर्फ सनी को पता था. इस बारे में उन्होंने दिलीप साहब और अपने कैमरामैन से जिक्र भी नहीं किया था.

गाड़ी अभी मुंबई से कुछ 100 किलोमीटर दूर ही गई थी कि अचानक ही मौसम बिगड़ने लगा. रात के अंधेरे में कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था. बिजली जोर से गरज रही थी. फैसला किया गया कि यहीं पास में रुकने का ठिकाना ढूंढते हैं और जब मौसम साफ हो जाएगा तब आगे का सफर तय किया जाएगा.

रास्ते में होने लगी बारिश

तभी बिजली जोर से चमकी और दिलीप कुमार की नजर सामने एक टूटी-फूटी झोपड़ी पर पड़ी. दिलीप कुमार, कैमरामैन और एस यू सनी वहां उतरे और शेड में जाकर रुकने की जगह तलाशने लगे. शेड में लकड़ियों का एक गट्ठर पड़ा था और एक टूटी बेंच थी. दरवाजे पर बोरी का पर्दा टंगा था जो तेज हवा में आवाज करते हुए उड़ रहा था. थोड़ी दूरी पर बाहर झाड़ियों के पास एक खूंटे से बकरी बंधी थी. लालसी भरी नजरों से वह बकरी उन तीनों को ही देख रही थी. सोच रही थी कि उसे भी इस तेज आंधी और बारिश से वे तीनों बचाकर अपने साथ शेड में ले लें.

यह भी पढ़िएः नहीं रहे दिलीप कुमार, 98 साल की उम्र में ट्रेजडी किंग ने ली आखिरी सांस

फिर कौन थी वह? 

दिलीप कुमार उस टूटी बेंच पर ही लेट गए, जबकि एस यू सनी बकरी को अंदर लाने चल दिए. लेकिन जैसे ही वह झाड़ियों की तरफ बढ़े तभी तेज हवा से दरवाजे पर लटका बोरी का पर्दा एक तरफ उड़ गया और सामने दरवाजे पर थीं गुस्से की आग में धधकतीं एस यू सनी की पत्नी, जो एकटक उन्हें घूर रही थीं. जबकि वह अपनी पत्नी को मुंबई में ही छोड़ आए थे.

डर के मारे दिलीप कुमार, एस यू सनी और कैमरामैन का बुरा हाल हो गया. कैमरामैन थर-थर कांप रहा था तो वहीं दिलीप कुमार के होश उड़े हुए थे. बहुत दिनों तक दिलीप कुमार ने इस बारे में किसी से बात नहीं की. काफी बाद में जब उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी तब वहां इसका जिक्र किया था. 

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़