काली-मोटी जैसे तानों पर छलका काजोल का दर्द, गोरी त्वचा का खोला राज
Kajol: काजोल ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि उन्होंने जब बॉलीवुड में शुरुआत की थी तो उन्हें अपनी स्किन से काफी स्ट्रगल करना पड़ा. लोग उन्हें सावंली और मोटी होने का ताना मारते थे.
नई दिल्ली: Kajol ने साल 1992 में 17 साल की उम्र में फिल्म 'बेखुदी' के साथ हिंदी सिनेमा में कदम रखा था. फिर उन्होंने शाहरुख खान के साथ फिल्म 'बाजीगर' में काम कर नाम कमाया. इसके बाद वह लगातार सक्सेस की नई सीढि़यां चढ़ती गईं. पर उनका ये सफर आसान नहीं रहा है. अपने एक नए इंटरव्यू में काजोल ने अपनी स्किन ात की थी. एक्ट्रेस ने बताया कि जब वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आईं थी तब कैसे उन्हें उनकी स्किन से जज किया जाता था.
काली और मोटी कहते थे लोग
एक चैट शो में काजोल ने खुलासा किया कि उन्हें सांवली, मोटी और हमेशा ऐनक पहनने वाली लड़की का ताना मारा जाता था, पर वह इससे कभी भी परेशान या उन्होंने ये सब सीरियस नहीं लिया था. वह जानती थी कि वह शांत, स्मार्ट और उन सभी लोगों से बेहतर है जो उनके बारे में निगेटिव सोच रखते है.
काफी करना पड़ा स्ट्रग्ल
काजोल ने ये कबूल किया कि उन्हें अपनी स्किन टोन के साथ काफी स्ट्रगल करना पड़ा. वहीं ये खुद को विश्वास करने के लिए भी संघर्ष किया कि वह सुंदर है. उन्होंने कहा कि वह लगभग 32-33 साल की थी जब उन्होंने आईने में खुद को देखना शुरू किया और खुद को बताया कि वह काफी बेहतर दिखाई देती हैं.
एक्ट्रेस ने कहा कि लोगों की बातें सुनकर उन्होंने खुद को कभी बदला नहीं.
नहीं कराई कई सर्जरी
मीडिया से बातचीत के दौरान काजोल ने बताया था कि उन्होंने स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी नहीं कराई है. मजेदार अंदाज में जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने कहा था कि वह अभी-अभी धूप से बची हैं. उन्होंने कहा था कि वह अपनी लाइफ के 10 सालों तक धूप में काम कर रही थीं, जिससे वह टैन हो गई थीं.अब जब वह धूप में काम नहीं कर रही थी और घर पर रहने की वजह से वह अनटैन्ड हो गईं.
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