नई दिल्ली: Thala and Thalapati Formula: अक्सर आपने देखा होगा कि साउथ में सुपरस्टार्स के नाम के साथ थाला, थलपति जैसे शब्द जुड़े होते हैं, जैसे थलपति विजय, विजय सेतुपति, रजनीकांत थलाइवा... कई सुपरस्टार्स को ऐसे टाइटल मिले हुए हैं. लेकिन इनके मिलने के पीछे का क्या फॉर्मूला होता हैं आज आपको बताते हैं. इन एक्टर को इन खास नामों से जोड़ दिया जाता है, जो इनका स्टाडम दर्शते हैं.
कैसे मिलाता है टाइटल
थलपति, थाला, थलाइवा इन सब टाइटल का अर्थ होता है- 'लीडर'...दरअसल साउथ में ये टाइटल एक्टर की पर्फॉमेंस पर निभर करते हैं. कभी जनता इनको प्यार में...इमोशनल होकर...एक्शन सीन्स से प्रभावित होकर इन नामों से नवाज है. जब किसी भी सितारें के नाम के साथ इन नामों को जोड़ा जाता है, सितारा भी थोड़ा असहज यानी अजीब अनुभव करता है, लोकिन जनता का प्यार देख सब धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाते हैं. हर टाइलट के पीछे एक अपनी स्टोरी होती है. वहीं ये मार्केटिंग का भी अच्छा जरिया है.
रजनीकांत से शुरू हुआ ये ट्रेंड
रजनीकांत साउथ सिनेमा की जान हैं, तो दर्शकों के भगवान है. उनकी फिल्मों के लिए साउथ ही नहीं हिंदी दर्शकों का क्रेज भी देखने लायक होता है. रजनीकांत को भी थलाइवा नाम के टाइटल से नवाजा गया है. साल 1978 में 'भैरवी' फिल्म के प्रमोशन में मेकर्स ने रजनीकांत के नाम के साथ 'सुपरस्टार' लगा कर मार्केटिंग का नया तरीका पेश किया था,
इसी फिल्म से एक्टर के कट आउट लगने का चलन शुरू हुआ, जो आज साउथ में एक परंपरा कि तरह बन चुका है. फिर एक के बाद एक हिट फिल्में देने के बाद वे लोगों के थलाइवा बन गए.
विजय सेतुपति, विजय थलापति को भी ये जिम्मेदारी
विजय सेतुपति और विजय थलपति भी साउथ फैंस के लिए भगवान से कम नहीं. लोग इनके दीवाने हैं. इन सुपरस्टार्स की फिल्मों का जनता बेसब्री से इंतजार करती है. वहीं स्टार्स भी एक से बढ़कर एक फिल्में लाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन करते हैं. विजय सेतुपति को शुरुआत में इस नाम के साथ बुलाया जाना काफी अजीब लगता था, पर आज यह नाम उनकी पहचान है.
वहीं उनकी फिल्मों की मार्केटिंग को भी इससे काफी फायदा होता है. ये सिर्फ नाम नहीं बल्कि दर्शकों का प्यार जाहिर करने का एक तरीका भी है, साथ एक्टर को ये टाइल्स उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास भी कराते हैं.
ये भी पढ़ें- Adipurush: प्रभास की आदिपुरुष को लेकर किया गया बड़ा फैसला, टी-सीरीज ने उठाया ये बड़ा कदम