नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक अब्बास ने खुद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अदालत ने उनकी मांग पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब्बास अंसारी को अदालत से मिलेगी राहत?
जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान हिसाब-किताब को लेकर दिए बयान के संबंध में आपराधिक मुकदमा रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी. माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को क्या अदालत से राहत मिलेगी या झटका लगेगा, इसका इंतजार वो बड़ी ही बेसब्री से कर रहे हैं.


न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अब्बास अंसारी और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया. विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ मौजूदा मामला, सरकारी अधिकारियों को उनके कथित धमकी भरे बयान से जुड़ा है जो उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मार्च, 2022 में मऊ जिले में एक जनसभा में दिया था.


किस बयान के चलते फंस गए मुख्तार के बेटे अब्बास?
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने वाले अब्बास अंसारी ने एक जनसभा में कथित तौर पर कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा क्योंकि पहले उनके साथ हिसाब किताब होगा.


सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनके कथित बयान के संबंध में अब्बास अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जांच के बाद विधायक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. मौजूदा मामले में उन्होंने अदालत से यह आरोप पत्र रद्द करने का अनुरोध किया है.
(इनपुट: भाषा)


इसे भी पढ़ें- UP में जाति आधारित रैलियों पर लगेगी पाबंदी? अदालत ने सरकार और EC को दिया ये निर्देश



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.