नई दिल्ली: मुंबई की विशेष अदालत (Special Court) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख (Anil Deshmukh) को धनशोधन के मामले में जमानत दे दी. अदालत ने यह राहत सलिल के उसके समक्ष पेश होने के बाद दी.


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किस मामले में आरोपी बनाए गए हैं सलिल?
धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों को सुनने के लिए फरवरी में गठित विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालाय (ईडी) की ओर से अपनी शिकायत (आरोप पत्र) जमा करने के बाद सलिल देशमुख को समन जारी किया था. सलिल देशमुख, अनिल देशमुख के बड़े बेटे हैं और इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं.


सलिल ने अदालत में पेश होने के बाद अपने अधिवक्ता अनिकेत निकम के जरिये जमानत अर्जी दी जिसे स्वीकार कर लिया गया. जमानत अर्जी में दावा किया गया कि सलिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘तथ्यहीन’ है. अर्जी के मुताबिक सलिल को ईडी ने कभी मामले में गिरफ्तार नहीं किया है और वह जांच में सहयोग कर रहे हैं.


सलिल की जमानत अर्जी का ईडी ने किया विरोध
ईडी ने सलिल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि धनशोधन रोधी एजेंसी ने दो बार उन्हें समन किया लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. एजेंसी ने यह भी कहा कि अदालत ने फरवरी में सलिल को समन किया था लेकिन वह अब पेश हो रहे हैं.


ईडी ने कहा, ‘वह न तो एजेंसी का सम्मान करते हैं, न ही उनके मन में अदालत के प्रति सम्मान है, इसलिए अर्जी को खारिज किया जा सकता है.’ गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाया था जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है. सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है.


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