कोटा अस्पताल में 91 बच्चों की मौत, सरकार को नोटिस जारी
राजस्थान के एक अस्पताल में पिछ्ले एक महीने में 91 बच्चों की मौत पर राजनीतिक बयानबाजी के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
जयपुर: राजस्थान के जेके लोन अस्पताल में 29 दिनों के भीतर 91 बच्चों की मौत के बाद अब गहलोत सरकार सवालों के घेरे में है. एक ओर बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था न करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति ना करने की नसीहत भी दी है. साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस मामले में गहलोत सरकार को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है.
भाजपा ने प्रदेश सरकार को घेरा
विपक्षी भाजपा ने प्रदेश सरकार पर बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाया है. इसपर कांग्रेस ने उसे इस मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी है. गौरतलब है कि अब तक कुल 91 बच्चों की मौत हो चुकी है.
सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण: भाजपा
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे राजेंद्र सिंह राठौर ने इस मामले की जांच के लिए अस्पताल का दौरा किया. राठौड़ ने कहा कि हम अस्पताल में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आए हैं. प्रदेश सरकार इस मामले पर उदासीन रवैया अपनाकर राजनीति कर रही है. क्या वह चाहती है कि बच्चों की आंकड़े हमारी सरकार में हुई मौतों के आंकड़ों के बराबर हों, अगर ऐसा है तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं.
बच्चों की मौत का कारण तेज सर्दी और संक्रमण
बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद जांच के लिए कोटा भेजे गए जयपुर के एमएमएस अस्पताल के दो विशेषज्ञ चिकित्सकों डॉ. अमरजीत मेहता और डॉ. रामबाबू शर्मा ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. उन्होंने रिपोर्ट में लिखा कि तेज सर्दी और ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होने के कारण इन बच्चों की मौत हुई. अस्पताल के नियो-नेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइन लाइन नहीं है, यहां सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है. ऐसे में इंफेक्शन बच्चों की मौत का कारण हो सकता है.