जयपुर. कोटा में दस बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री गहलौत का वक्तव्य सामने आया है जिसमें उन्होंने बड़ी बेशर्मी से कहा कि हर अस्पताल में रोज़ मौतें होती हैं इसमें कौन सी नई बात है. गहलौत से ज़रा पूछा जाए अगर मौत नई बात नहीं है तो नई बात कौन सी है?
बच्चों की मौत नई बात नहीं तो नई बात क्या?
जनता चुनाव के वक्त बताएगी नई बात .अगर बच्चों की मौत राजस्थान की जनता को याद रही और उस पर मुख्यमंत्री गहलौत का बेरहम बयान भी जनता न भूले तो, आने वाले चुनावों में वह गहलौत की सरकार और उनकी पार्टी को बता देगी कि मौत नई बात नहीं है तो नई बात फिर क्या है.
अस्पताल में नहीं आपके प्रदेश में मर रहे हैं बच्चे
होश की दवा होनी चाहिए राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए. बच्चे हर अस्पताल में नहीं आपके राज्य राजस्थान में मर रहे हैं. अगर मुख्यमंत्री को ये बात अभी पता न हो तो यहां ज़ी हिन्दुस्तान पर उन्हें पढ़ लेना चाहिए कि राजस्थान के कोटा में जेके लॉन अस्पताल में केवल 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत हो गई है.
सीएम गहलौत के लिए ज़ी हिन्दुस्तान की मुफ्त सलाह
मुख्यमंत्री गहलौत यदि आपको लग रहा होगा कि आपने जो बोला वह एक चौंकाने वाला बयान है और आप खबरों में बने रहेंगे, तो एक बात और जान लें कि सच ये है कि ये चौंकाने वाला नहीं नृशंसता की सोच वाला आपका कांग्रेसी चेहरा है. और आप खबरों में तो बने रहेंगे लेकिन कुर्सी पर कितने दिन बने रहेंगे ऐसी सोच लेकर?
बच्चों की मौतों से मचा हड़कंप
राजस्थान के कोटा में जेके लॉन अस्पताल में दो दिन में 10 बच्चों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया है. अस्पताल प्रशासन और राज्य प्रशासन ने आननफानन में अपनी गलती छुपाने और अपनी जिम्मेदारी दिखाने अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एचएल मीणा को हटा दिया है.