ताजनगरी में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज, योगी सरकार ने झोंकी ताकत

उत्तरप्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. ताजनगरी आगरा में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 6, 2020, 11:56 AM IST
ताजनगरी में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज, योगी सरकार ने झोंकी ताकत

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है और राज्य में कोरोना की रफ्तार को नियंत्रण में कर रखा है. लेकिन ताजनगरी आगरा में कोरोना वायरस लगातार बढ़ रहा है. पूरे प्रदेश में आगरा सबसे अधिक प्रभावित है और वहां लगातार नये मामले सामने आ रहे हैं. आगरा में मंगलवार को नौ और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अब इस महामारी के मामले 630 हो गए हैं.जिलाधिकारी से जुड़े जिला सूचना अधिकारी ने यह जानकारी दी.

आगरा में हो चुकी है 15 लोगों की मौत

आपको बता दें कि आगरा में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 208 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से अपने घरों को लौट चुके हैं. आगरा प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए अब हॉटस्पॉट की संख्या 39 से बढ़ाकर 44 कर दी है. सिंह ने लोगों से अपील की है कि स्थिति की गंभीरता को समझें और घर में ही रहें. मौजूदा हालातों को देखते हुए आगरा में दुकानें खोलने की कोई भी छूट नहीं दी गई है.

यूपी के 66 जिलों में कोरोना

यूपी में अब तक 66 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले है. यूपी में अब तक कोरोना से 56 मरीजों की मौत हो चुकी है. यूपी में कोरोना के एक्टिव मरीज 1862 हैं. डिचार्ज मरीज 944 हैं. कुल मरीज 2859 हैं. 20 लैब में टेस्ट हो रहे हैं. 660 प्राइवेट हॉस्पिटल ने इमरजेंसी सेवा देना शुरू किया है.  

आगरा में ही मरीजों पर दवाओं का परीक्षण

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय तथा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) कोविड-19 के इलाज पर शोध करने के लिए कुबेरपुर स्थित नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को अनुमति प्रदान की है. इसके तहत मंगलवार से कोरोना मरीजों पर होम्योपैथिक दवाओं का परीक्षण शुरू किया गया. 

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पहले दिन 30 मरीजों को होम्योपैथी की दवा दी गई. दो बार इन मरीजों का परीक्षण भी किया गया. आपको बता दें कि कुल 200 मरीजों पर यह परीक्षण किया जाएगा. दवा के बाद इन मरीजों की जांच साइंटिफिक पैथोलॉजी द्वारा निशुल्क की जाएगी. फिर यह रिपोर्ट आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेजी जाएगी.

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