राजधानी में आग लगाने की साजिश- हिंसा पर खामोश, सिर्फ पुलिस पर क्यों आक्रोश?
देश की राजधानी दिल्ली को जलाने की साजिश बढ़ती जा रही है. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी नागरिकता कानून के खिलाफ विद्रोह की आग लगा दी. बसें फूंकी गई, सड़कों पर तांडव किया गया, और अंत में पुलिस के खिलाफ ही धरना शुरू कर दिया गया.
नई दिल्ली: दिल्ली में नागरिकता कानून के नाम पर हो रहा विरोध प्रदर्शन, बीती रात हिंसक झड़प और आगजनी में तब्दील हो गया. जामिया के बाद छात्रों ने दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर पर भी प्रदर्शन किया. हिरासत में लिए गये 50 छात्रों को बाद में छोड़ दिया गया. छात्रों की हिंसा में कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं.
बंद रखे गये हैं स्कूल
हिंसा की वजह से आज दिल्ली के कई स्कूल बंद रखे गये हैं. दिल्ली के साउथ ईस्ट जिले में ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कालोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को सोमवार को बंद रखने का फैसला कल शाम दिल्ली सरकार ने लिया था. मनीष सिसोदिया ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी. इसके अलावा आज जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. इसी बीच दिल्ली के सीएम ने LG से बात की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
दिल्ली ते जामिया नगर में रविवार को छात्रों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद आज सुबह हालात सामान्य होते जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को रिहा कर दिया है. वहीं दिल्ली मेट्रो के उन स्टेशनों के गेट खोल दिए गए हैं, जिनको कल शाम बंद कर दिया गया था.
यूपी तक पहुंची दिल्ली में हिंसा की आंच
दिल्ली में हिंसा की आंच यूपी तक जा पहुंची है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है. इसके अलावा आगरा, मेरठ और गाजियाबाद में पुलिस अलर्ट है.
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच रविवार को हुई हिंसक झड़प में कई छात्र और पुलिसकर्मी भी घायल हुई थे. साथ ही एक सवाल उठ रहा है कि आखिर जामिया का कसूरवार कौन है?
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दिल्ली में कल दिनभर हुई हिंसा की तस्वीरें पूरे देश ने देखी, किस तरह दिल्ली के सुकून को छीनने के लिए बड़ी साजिश थी. छात्रों के नाम पर सड़क पर ऐसी भीड़ मौजूद थी जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही थी. पुलिसवालों पर पथराव कर रही थी. लेकिन यही लोग शाम के बाद पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए. देश को ये बताने की कोशिश होने लगी कि पुलिस ने छात्रों पर ज्यादती की है. नागगरिकता कानून की आड़ में पूरे देश को दहलाने की नापाक साजिश रची जा रही है.
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